UPSC Lateral Entry Vacancy News: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लेटरल एंट्री के जरिए 45 पदों पर भर्ती का विज्ञापन रोक दिया है। इस संबंध में मंत्री ने यूपीएससी को पत्र लिखा है। बता दें कि केंद्र सरकार ने संयुक्त सचिव और संयुक्त सह सचिव के पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। इस मुद्दे पर पहले विपक्ष ने मोर्चा खोला और बाद में एनडीए सहयोगियों ने भी फैसले की आलोचना कर दी। इसके बाद मंगलवार की दोपहर केंद्र सरकार की ओर से लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती प्रक्रिया रोकने की जानकारी दी गई।
ये भी पढ़ेंः बंगाल में लग सकता है राष्ट्रपति शासन? क्या हैं प्रावधान, बीजेपी क्यों कर रही इसकी मांग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देश पर केंद्रीय जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखकर लेटरल एंट्री वाले भर्ती विज्ञापन को कैंसिल करने की बात कही है। बता दें कि बीते शनिवार को यूपीएससी ने 45 पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती का विज्ञापन निकाला था। इनमें 10 पद संयुक्त सचिव के लिए थे, वहीं 35 पद डायरेक्टर और डिप्टी सेक्रेटरी के थे। इन पदों को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर लेटरल एंट्री के जरिए भरा जाना था। इस स्कीम का मकसद सरकारी विभागों में विशेषज्ञों की नियुक्ति करना था। इनमें वो लोग भी शामिल थे, जो प्राइवेट सेक्टर में काम करते रहे हैं।’
लेटरल एंट्री पर विपक्ष ने खोला मोर्चा
बता दें कि विपक्ष के नेताओं राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने लेटरल एंट्री का जोरदार विरोध किया था। लेकिन एनडीए के सहयोगियों चिराग पासवान और नीतीश कुमार की पार्टी ने भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाया। वहीं टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू ने लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती का समर्थन किया था।
लेटरल एंट्री पर जेडीयू ने क्या कहा
लेटरल एंट्री मामले पर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि ये भर्ती विज्ञापन पिछड़ों के अधिकारों के खिलाफ है। वहीं चिराग पासवान ने कहा था कि उसकी पार्टी इससे सहमत नहीं है और लेटरल एंट्री के खिलाफ है। मोदी 3.0 को सिर्फ टीडीपी का समर्थन मिल पाया।
‘IAS का प्राइवेटाइजेशन’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लेटरल एंट्री के मामले पर हमला बोलते हुए इसे आईएएस का प्राइवेटाइजेशन करार दिया था। राहुल गांधी ने कहा था कि सरकार लेटरल एंट्री के जरिए बहुजनों का हक मार रही है। वहीं अखिलेश यादव ने कहा था कि भाजपा अपनी विचारधारा के संगी साथियों को पिछले दरवाजे से यूपीएससी के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की साजिश कर रही है। इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का समय आ गया है।