---विज्ञापन---

हम पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं; कनाडाई पीएम ट्रूडो के भारत विरोधी आरोपों का किस देश ने किया समर्थन

Canada Khalistan movement: कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत पर लगाए गए आरोपों के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहस शुरू हो गई है। कुछ देश इन आरोपों को खारिज कर रहे हैं तो कुछ देश इसे भारत के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की फिराक में हैं। ताजा जानकारी के अनुसार, एक […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Sep 20, 2023 10:20
Share :
Canada Khalistan movement, Canada, Khalistan movement, Khalistan, Australian Foreign Affairs Minister, Canadian PM Justin Trudeau, Hardeep Singh Nijjar

Canada Khalistan movement: कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत पर लगाए गए आरोपों के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहस शुरू हो गई है। कुछ देश इन आरोपों को खारिज कर रहे हैं तो कुछ देश इसे भारत के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की फिराक में हैं। ताजा जानकारी के अनुसार, एक देश की प्रधानमंत्री का बयान सामने आया है कि वह कनाडा के पीएम की ओर से लगाए आरोपों के मामले की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।

इस दावे से कई सबक लेने की जरूरत

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की कथित संलिप्तता होने के कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के दावे पर स्टैनफोर्ड लॉ स्कूल में रिसर्च फेलो दिनशा मिस्त्री कहते हैं कि मुझे लगता है, इससे अमेरिका-भारत के लिए संबंधों के अलावा कई सबक सीखे जा सकते हैं। देखना ये होगा कि कनाडा-भारत संबंध अब क्या है? उन्होंने कहा कि ये विवाद उस चीज को बिगाड़ रहा है, जिसे खराब होने की आवश्यकता ही नहीं थी।

---विज्ञापन---

आतंकवाद को लेकर भारत का रुख पसंद

उन्होंने कहा कि हमें इस तरह की बातों को आगे बढ़ने या किसी के दिमाग में आने से पहले उसे रोकने के लिए सक्रिय रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत का आतंकवाद को परिभाषित करना, आतंक के खिलाफ सहयोग करने का भारत का नजरिया और खालिस्तानी सक्रियता के प्रति आक्रामक रुख पसंद आता है। उन्होंने कहा कि यदि हम भी ऐसा करना चाहते हैं तो यह स्थिति यहीं समाप्त हो सकती है। कहा कि हम देख रहे हैं कि कनाडा-भारत के बीच स्थिति बदतर हो रही है। दिनशा मिस्त्री की बातों का ये वीडियो हडसन इस्टीड्यूट की ओर से जारी किया गया है।

अमेरिका ने नहीं दिए ये तथ्य

उसके अलावा अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ साथी माइकल रुबिन ने भी इस मामले में अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि कभी-कभी वाशिंगटन में जो नहीं कहा जाता है, वह उतना ही महत्वपूर्ण होता है जितना कि कहा जाता है। कनाडाई पीएम के बयान का अमेरिका द्वारा समर्थन करने पर उन्होंने कहा कि तथ्य यह है, अमेरिका ने सामने आकर पुष्टि नहीं की है कि जस्टिन ट्रूडो क्या संकेत दे रहे थे? माइकल ने कहा कि ये सोचना महत्वपूर्ण है कि अब अमेरिका को क्या करना चाहिए?

ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने कह दी ये बात

रॉयटर्स के अनुसार, कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के दावे पर ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि ये चिंताजनक रिपोर्ट हैं। उन्होंने कहा कि जांच अभी भी चल रही है। हम अपने साझेदारों देशों के साथ इन घटनाक्रमों की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और हम इसे जारी रखेंगे।

जानकारी थी तो भारत में रहते बोलनी चाहिए थी

सिख्स ऑफ अमेरिका के चेयरमैन जेसी सिंह का कहना है कि कनाडा के साथ रिश्ते पिछले हफ्ते से खराब नहीं हुए हैं, बल्कि ये लंबे समय से खालिस्तानी मुद्दे की वजह से ये चल रहे हैं। भारत में पीएम ट्रूडो ने पीएम मोदी से मुलाकात के बाद एक बहुत ही संतुलित बयान दिया थ। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि जब वह वापस आए तो क्या हुआ? अगर उनके पास ये जानकारी थी तो उन्हें भारत में रहते हुए सार्वजनिक रूप से बोलनी चाहिए थी। कहा कि मुझे नहीं पता कि क्या और कौन सा राजनीतिक खेल चल रहा है, लेकिन अभी मुझे लगता है कि यह बहुत जल्दी है। दोनों देशों ने जैसे को तैसा में राजनयिकों को बाहर निकाल दिया है। लेकिन ट्रूडो अभी कोई सबूत नहीं दे पाए हैं।

दुनिया की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंः-

HISTORY

Written By

Naresh Chaudhary

First published on: Sep 20, 2023 10:20 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें