Brave Mother Saved Child From Pakistan Firing: मां की ममता और उसकी हिम्मत का कोई पैमाना नहीं होता। अपने बच्चे के लिए वह अपनी जान भी दांव पर लगा सकती है, इसलिए तो उसे भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है और इस कहावत को सही साबित किया है, एक मां ने, जिसने अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर अपने बच्चे की जान बचाई। वह खुद अस्पताल में भर्ती है, लेकिन उसका बच्चा सुरक्षित है। महिला ने बहादुरी की ऐसी मिसाल कायम की है कि हर कोई उसकी तारीफ कर रहा है। अस्पताल के डॉक्टरों ने भी बहादुरी का किस्सा सुनकर अपने मरीज की पीठ थपथपाई। मामला जम्मू कश्मीर के अरनिया का है।
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मोर्टार आंगन में आकर गिरा, छर्रे रजनी को लगे
अरनिया में अचानक पाकिस्तानी सेना ने फायरिंग शुरू कर दी। वार्ड-5 में रहने वाली रजनी बाला पत्नी बलबीर कुमार रात के खाने के बाद काम निपटाने में जुटी थी कि गोलियां चलने लगीं। वह पशुओं को चारा डाल रही थी। गोद में बेटा था, लेकिन पाकिस्तानी रेजरों की फायरिंग से दहल गई। एक मोर्टार उसके घर के ऊपर से गुजरा। वह सब काम छोड़कर बेटे को लेकर घर के अंदर भागी। इसी बीच एक मोर्टार उसके आंगन में आकर गिरा, जो जोरधार धमाके के साथ फट गया। इसके छर्रे रजनी को भी लगे। वहीं मोर्टार के छर्रों से रजनी ने अपने बच्चे को इतनी सावधानी और होशियारी से बचाया कि उसे खरोंच तक नहीं लगी।
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बॉर्डर के पास घर, ट्रैक्टर के टायर भी फट गए
रजनी ने बताया कि मोर्टार के छर्रों से बच्चे को बचाने के लिए उसने बच्चे को अपने शरीर से पूरी तरह से ढक लिया। बेटा बच गया, लेकिन रजनी के हाथ में कुछ छर्रे लगे। इस दौरान पाकिस्तानी रेंजर लगातार गोलाबारी करते रहे। रजनी के घर के बाहर खड़े ट्रैक्टर के चारों टायर भी गोली लगने से फट गए थे। रजनी का घर बॉर्डर के पास है। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि सूजन कम होने पर रजनी के शरीर से छर्रे निकाले जाएंगे। 2-3 दिन में वह ठीक हो जाएगी। उसे अपने जख्मों की परवाह नहीं है, लेकिन वह खुश है कि उसका बच्चा सुरक्षित है। आगे वह और ज्यादा अलर्ट रहेगी। कभी भी पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी हो जाती है, वह सतर्क रहेगी।