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BPSC Exam पर बड़ा अपडेट, सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज की

BPSC की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाने वालों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रिलीम्स परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है।

Author Written By: Prabhakar Kr Mishra Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Apr 23, 2025 13:30
Supreme Court vs Lokpal Order
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)।

बीपीएससी की 70वीं प्रिलीम्स परीक्षा को रद्द कर री-एग्जाम की मांग को लेकर इस साल जनवरी-फरवरी में छात्रों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था। पटना के चर्चिच शिक्षक खान सर भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए थे। 13 दिसंबर और 4 जनवरी को हुई परीक्षा को निरस्त करने की मांग को लेकर मामला पटना हाई कोर्ट में भी गया था, लेकिन पटना हाई कोर्ट ने परीक्षा रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया था। इसके बाद अभ्यर्थी बड़ी आस लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन उन्हें आज यहां से भी निराशा हाथ लगी। बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा-2025 रद्द नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बीपीएससी परीक्षा में कथित पेपर लीक मामले की अर्जी खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने बीपीएससी की प्रीलिम्स परीक्षा में पेपर लीक को लेकर कहा कि हर परीक्षा को चुनौती दी जा रही है, कोई भर्ती नहीं हो रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने कि ये टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने ने BPSC की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया।सुनवाई के दौरान जस्टिस मनमोहन ने कहा कि हर कोई एक दूसरे की असुरक्षा के साथ खेल रहा है। परीक्षकों का स्तर उतना ऊंचा नहीं है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोई भी परीक्षा अपने निष्कर्ष तक नहीं पहुंच रही है। हमें हर किसी पर गड़बड़ी का संदेह है।

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याचिकाकर्ता के वकील ने दी ये दलील

जानकारी के मुताबिक, याचिकाकर्ताओं की ओर पेश हुए सीनियर एडवोकेट अंजना प्रकाश और कॉलिन गोंसाल्विस ने दावा किया कि पेपर परीक्षा से पहले लीक हो गया था और कुछ केंद्रों पर लाउडस्पीकर के जरिए उत्तर बताने के वीडियो भी सामने आए थे। वहीं, सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील कोलिन गोंजाल्विस ने दलील दी कि लगभग 24 क्वेश्चन कोचिंग सेंटरों द्वारा दिए गए प्रश्नों के से मिलते-जुलते थे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें कुछ भी असमान्य नहीं है, क्योंकि कई प्रतियोगी परीक्षाओं में मॉक पेपर से प्रश्न पूछे जाते हैं। बेंच ने डिजिटल सबूतों के प्रमाणिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये आरोप एक ही केंद्र ‘बापू परीक्षा परिसर’ से संबंधित है, जहां पहले ही दोबारा परीक्षा आयोजित की जा चुकी है।

जस्टिस मनमोहन ने कहा ने कहा कि ‘प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर 30-40 प्रतिशत प्रश्न बुकलेट से आते हैं, जिसमें हजारों प्रश्न होते हैं। जस्टिस मनमोहन ने हल्के-फुल्के अंदाज में अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए कहा कि दिल्ली के कैंपस लॉ सेंटर के बाहर दुग्गी बिकती थी, जिसमें से लगभग 90 प्रतिशत प्रश्न एग्जाम में आते थे।

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क्या था मामला?

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब तय हो गया कि बीपीएससी 70वीं की मुख्य परीक्षा अपने तय समय पर ही होगी। बीपीएससी प्रीलिम्स की परीक्षा 13 दिसंबर 2024 को आयोजित की गई थी। इसके बाद परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। इसके बाद छात्रों ने काफी हंगामा किया था। इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में अनियमितताओं के जांच और एक विशेष बोर्ड के गठन की मांग की गई थी। इससे पहले पटना हाई कोर्ट ने भी BPSC परीक्षा रद्द करने को लेकर दायर सारी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वालों ने कई बड़े वकीलों को उतारा था, लेकिन वे कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाए।

First published on: Apr 23, 2025 01:30 PM

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