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जेल में मंत्री के होने से, दूरी बनी ‘सोने’ से: बिना गहनों के मंडप मे बैठाई गई ‘मां काली’, अनुब्रत मंडल करते थे पूजा

Bolpur Maa Kali Puja on Diwali: इस साल बिना सोने के आभूषण के ही मां काली की प्रतिमा को पूजा मंडप में बैठाया गया है। 

Author Edited By : Pooja Mishra Updated: Nov 12, 2023 11:43

अमर देव पासवान

Bolpur Maa Kali Puja on Diwali, बिरभूम: दिवाली के मौके पर जहां पूरा भारत भगवान राम, मां लक्ष्मी, श्री गणेश और मां सरस्वती की पूजा कर रहा हैं। वहीं, इस मौके पर पश्चिम बंगाल की मां काली पूजा भी काफी चर्चा में रहती है। इसमे भी सबूसे ज्यादा बिरभूम के बोलपुर इलाके की मां काली पूजा चर्चा में रहती है। यहां हर साल पूजा में तृणमूल कांग्रेस दबंग नेता अनुब्रत मंडल मां काली की प्रतीमा को सोने के जेवर सजाते थे। इस बार बोलपुर इलाके की मां काली पूजा काफी सूनी होने वाली है, क्योंकि अनुब्रत मंडल इन दिनों दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। पहले उनकी दुर्गापूजा जेल में तो कटी और अब काली पूजा भी अब उनकी जेल में ही कट रही है। इसकी वजह से बिना सोने के आभूषण के ही मां काली की प्रतिमा को पूजा मंडप में बैठाया गया है।

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अनुब्रत मंडल ने 1988 में शुरू की मां काली की पूजा 

बता दें कि अनुब्रत मंडल को गो-तस्करी के मामले में 11 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किये गए थे। ऐसे में अनुब्रत मंडल द्वारा बिरभूम जिले के बोलपुर में होने वाली काली पूजा हर साल की तरह इस साल भी आयोजित की जा रही है, लेकिन इस साल मां काली की पूजा में पहले जैसी रौनक देखने को नहीं मिलेगी। हर साल अनुब्रत मंडल मां काली को पूजा में थाली भर कर सोने के जेवर चढ़ाते थे, जिससे मां काली के पूजा पांडाल में रौनक बनी रहती थी। साल 1988 में अनुब्रत मंडल ने ही इस काली पूजा की शुरुआत की थी, शुरुआती दौर से ही अनुब्रत मंडल मां काली का सिंगार असली सोने के आभूषणों से करवाते थे। इस वजह से यहां की काली पूजा हमेशा चर्चा में रहती थी। यहां पर आयोजित होने वाली मां काली की प्रतिमा के दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आने लगे।

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मां काली की प्रतिमा को आभूषण से सजाया जाता 

साल 2018 में तो मां काली की प्रतिमा को 180 भरी सोने के आभूषण से सजाया गया था, जो 2019 में बढ़कर 260 भरी हो गया, साल 2020 में 360 और साल 2021 में सोने के ये आभूषण बढ़कर 570 भरी हो गए। फिर साल 2022 में गाय तस्करी मामले में सीबीआई ने अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उनपर ईडी की भी जांच शुरू हुई उनकी बादशाहत मानो बिरभूम जिले से धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। जिसका असर उनके द्वारा आयोजित होने वाले काली पूजा पंडाल पर भी दिख रहा है। सोने के आभूषनों से सजने वाली मां काली की प्रतिमा पर एक भी सोने के आभूषण दिखाई नहीं दे रहे हैं, बिना सोने के आभूषण के ही मां काली की प्रतिमा को पूजा मंडप में बैठाया गया है। जिस कारण यहां की काली पूजा अपनी पहचान और लोकप्रियता भी अब धीरे -धीरे खोती जा रही है।

First published on: Nov 12, 2023 11:43 AM

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