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‘सीरियस इन्वेस्टिगेशन हुई तो कर्नाटक के कई मंत्री फंसेंगे’, हनीट्रैप मामले में BJP MP शेट्टार का बड़ा बयान

कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना द्वारा हनीट्रैप का शिकार होने की बात कहने के बाद यह मुद्दा गरमा गया है। वहीं, केएन राजन्ना के बेटे एमएलसी राजेंद्र राजन्ना ने पुलिस में शिकायत दी है कि उन्हें हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश की गई है। इस मामले ने पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है। इसी बीच भाजपा सांसद जगदीश शेट्टार ने कथित हनीट्रैप मामले को लेकर बड़ा बयान दिया है।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Mar 29, 2025 18:55
BJP MP Jagadish Shettar
भाजपा सांसद जगदीश शेट्टार।

कर्नाटक के भाजपा सांसद जगदीश शेट्टार ने शनिवार को कर्नाटक में कथित हनीट्रैप कांड पर चिंता जताते हुए दावा किया कि इसमें मंत्रियों और प्रभावशाली लोगों सहित कई अंदरूनी लोग शामिल हैं। उन्होंने राज्य सरकार पर राजनीतिक संकट को रोकने के लिए इस मुद्दे को दबाने का प्रयास करने का आरोप लगाया और सीबीआई जांच की अपनी मांग दोहराई।

क्या कहा जगदीश शेट्टार ने?

मीडिया से बात करते हुए शेट्टार ने आरोप लगाया कि गहन जांच से हाई-प्रोफाइल व्यक्ति बेनकाब हो सकते हैं। यही वजह है कि मामले को बंद करने का एक ठोस प्रयास किया जा रहा है। भाजपा सांसद ने कहा, ‘कई अंदरूनी लोग शामिल हैं और अगर गहन जांच होती है तो कर्नाटक के कई मंत्री और महत्वपूर्ण लोग फंसेंगे। यही वजह है कि वे सब कुछ बंद करना चाहते हैं। मैंने कई बार जोर दिया है कि सच्चाई को सामने लाने के लिए हनीट्रैप मामले की सीबीआई से जांच होनी चाहिए, क्योंकि मौजूदा सरकार राजनीतिक पतन से बचने के लिए मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।’

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सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है सीबीआई जांच की याचिका 

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (26 मार्च) को कर्नाटक में विधायकों, लोक सेवकों और न्यायाधीशों के कथित हनीट्रैप की सीबीआई या एसआईटी द्वारा स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने याचिका को ‘राजनीतिक बकवास’ बताते हुए कहा कि हमारे पास और भी जरूरी काम हैं। जस्टिस विक्रम नाथ ने याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता बरुण सिन्हा से कहा, ‘आप झारखंड के निवासी हैं। इस राज्य में क्या हो रहा है, इसके बारे में आप क्यों परेशान हो रहे हैं? वे इस मामले को संभालने में सक्षम हैं।’ 

बता दें कि झारखंड निवासी बिनय कुमार सिंह द्वारा दायर याचिका में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी, जिसमें ऐसे पुलिस अधिकारी शामिल हों जो कर्नाटक राज्य के नियंत्रण या प्रभाव के अधीन न हों।

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क्या है पूरा मामला?

दरअसल, बेंगलुरु विधानसभा के भीतर एक ‘सीक्रेट लेटर’ के जरिए उठाए गए इस मुद्दे ने कर्नाटक ही नहीं दिल्ली की सियासत में भी भूचाल ला दिया है। कर्नाटक के वरिष्ठ मंत्री केएन राजन्ना का दावा है कि उनके अलावा 48 अन्य लोगों को भी इस हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश की गई है। जिनमें विधायक, नेता और केंद्रीय नेता तक शामिल हैं।

सीक्रेट लेटर से हुआ था खुलासा

कुछ दिन पहले कर्नाटक के विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल के हाथ लगे एक ‘सीक्रेट लेटर’ ने कर्नाटक विधानसभा में हुए हनीट्रैप कांड का पर्दाफाश किया था। पहले इस कांड को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि यह कांग्रेस के भीतर सत्ता संघर्ष का हिस्सा है, लेकिन सदन में हनीट्रैप कांड का खुलासा एक विपक्षी विधायक की ओर से किया गया, जिसने इसे राजनीतिक तौर पर दिलचस्प बना दिया। इसके बाद 20 मार्च को कांग्रेस सरकार में सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने अटकलों पर विराम देते हुए बयान दिया कि उनके अलावा ऐसे 48 और लोग भी हैं जिन्हें हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश की जा रही है और इस खुलासे के बाद से सियासी तूफान खड़ा हो गया।

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Edited By

Satyadev Kumar

First published on: Mar 29, 2025 06:55 PM

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