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West Bengal Violence: ‘चिंगारी का खेल बुरा…’, भाजपा ने कहा- बंगाल में संवैधानिक जिम्मेदारी पूरा करे चुनाव आयोग और ममता सरकार

West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के बीच जारी हिंसा के लिए भाजपा ने टीएमसी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने दिल्ली में प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि मैं तृणमूल की सरकार और ममता जी को यह कहना चाहता हूं कि हिंसा का […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Jun 16, 2023 20:19
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Sudhanshu Trivedi PC on Sam Pitroda Controversy
Sudhanshu Trivedi PC on Sam Pitroda Controversy

West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के बीच जारी हिंसा के लिए भाजपा ने टीएमसी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने दिल्ली में प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि मैं तृणमूल की सरकार और ममता जी को यह कहना चाहता हूं कि हिंसा का जो यह खेल आप खेल रहे हैं, ऐसा ही कम्युनिस्ट सरकार करती थी। आज आप उनका हाल देख लीजिए।

सुधांशु ने पूर्व पीएम अटल की लिखी पंक्तियों के जरिए ममता बनर्जी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चिंगारी का खेल बुरा होता है, औरों के घर में आग लगाने का सपना, अपने घर में ही अक्सर खरा होता है।

सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन आयोग और पुलिस हिंसा की घटनाओं के प्रति उदासीन बनी हुई है। यह इस बात का प्रमाण है कि कैसे टीएमसी सरकार ने सिस्टम को अपने हाथ में ले लिया है। भाजपा ने मांग की कि ममता बनर्जी सरकार और राज्य चुनाव आयोग अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को पूरा करें।

ये चुनावी इतिहास का काला अध्याय

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों में जिस प्रकार के दृश्य दिखाई दे रहे हैं, हिंसा का जो तांडव दिखाई पड़ रहा है। यह कष्टकारक है। इस से भी अधिक दुखद है, वहां की सरकार की असंवेदनशीलता। हमारे कार्यकर्ताओं पर प्राणघातक हमले हुए हैं। पश्चिम बंगाल की सरकार और पुलिस जिस प्रकार से बर्ताव कर रही है वो भारत के लोकतांत्रिक और चुनावी इतिहास में एक बहुत ही काला अध्याय है।

पूछा सवाल- हर दो मिनट में नामांकन कैसे?

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि बंगाल में 341 ब्लॉक हैं। आखिरी दिन यहां, 4 घंटे के अंदर 40 हजार से अधिक लोगों ने नामांकन किया है, वो भी 340 ब्लॉक में यानी एक व्यक्ति के नामांकन का समय औसतन 2 मिनट आता है। इस गति से हुए नामांकन दर्शाते हैं कि स्थानीय सरकार किस तरह से व्यवस्था को अपने हाथ में लिए हुए है। क्या यह लोकतंत्र का उपहास नहीं है?

माटी खून से सनी और मनुष्यता पूरी तरह से व्यथित

सुधांशु ने कहा कि मैं समस्त विपक्षी दलों से पूछना चाहता हूं कि लोकतंत्र का हिंसा से घायल स्वरूप आज जो पश्चिम बंगाल में दिख रहा है। जो मां, माटी, मानुस की बात करती थीं, आज वहां भारत मां के विरुद्ध शक्तियां खड़ी हो रही हैं, माटी खून से सनी है और मनुष्यता पूरी तरह से व्यथित और कलंकित नजर आ रही है। उसको देख कर भी, किसी विपक्षी दल को कोई समस्या नजर नहीं आ रही है।

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First published on: Jun 16, 2023 08:19 PM

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