Supreme Court Verdict On Bilkis Bano Case : बिलकिस बानो केस में दोषियों की समय से पहले रिहाई सही है या गलत, इस पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा। गुजरात सरकार ने उम्रकैद की सजा काट रहे दोषियों को रिहा करने का फैसला लिया था। राज्य सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध हुआ और फिर यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस पर SC ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर कैसे ये दोषी माफी के योग्य बने?
सीबीआई की अदालत ने बिलकिस बानो मामले में 11 लोगों को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद सजा काट रहे 11 दोषियों में से एक ने गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से राहत मिली और उनकी याचिका खारिज हो गई। उन्होंने HC में दायर याचिका में रिहाई की मांग की थी। फिर दोषी ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
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गुजरात सरकार ने दोषियों को रिहा करने का दिया था फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2022 में इस मामले की सुनवाई करते दोषियों की रिहाई पर गुजरात सरकार को फैसला लेने का निर्देश दिया था। इस पर राज्य सरकार ने एक कमेटी बनाई और फिर उसकी सिफारिश पर सजा माफ करते हुए सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया। बिलकिस बानो ने गुजरात सरकार के रिहाई वाले फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से 8 जनवरी को फैसला आएगा।
जानें क्या है पूरा मामला
गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साल 2002 के 27 फरवरी को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे में आग लगी दी गई थी। इस आग में जिंदा जलने से अयोध्या से लौट रहे 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी। इसके बाद राज्य में हिंसा भड़क उठी और इससे बचने के लिए बिलकिस बानो अपने परिवार के साथ गांव छोड़कर चली गई थीं और उस समय पर वह 5 महीने की गर्भवती थीं। जहां पर वह परिवार के साथ छिपी थीं, वहां 3 मार्च को लोगों की भीड़ पहुंची और बिलकिस बानो के साथ रेप किया। साथ ही भीड़ ने तलवार और लाठियों से हमला कर परिवार के 7 लोगों को भी मौत के घाट उतार दिया था।