Bihar Man Cardboard Plaster: बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की खस्ता हालत किसी से छिपी नहीं है। बिहार के मुजफ्फरपुर से ऐसा ही एक मामला सामने आया है। एक शख्स के पैर में हुए फ्रैक्चर का इलाज करने के लिए डॉक्टरों ने प्लास्टर की जगह कार्डबोर्ड लगा दिया। जब दर्द और बढ़ गया तो शख्स को अस्पताल रेफर किया गया। वहां भी डॉक्टरों ने प्लास्टर चढ़ाना जरूरी नहीं समझा।
दरअसल बिहार के मुजफ्फरपुर में रहने वाले महेश कुमार का बाइक चलाते समय एक्सीडेंट हो गया था। इस एक्सीडेंट में महेश का पैर टूट गया। 7 जून को उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया। पैरों की टूटी हुई हड्डियां जोड़ने के लिए डॉक्टरों ने महेश के पैर पर कार्डबोर्ड लगा दिया। कुछ समय बाद महेश को श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया। मगर वहां भी डॉक्टरों ने प्लास्टर नहीं उतारा। ऐसे में 7 जून से 11 जून तक महेश के पैर पर कार्डबोर्ड लगा रहा।
पीड़ित ने किया खुलासा
इस मामले की भनक लोकल मीडिया को लगी तो अस्पताल प्रशासन भी हरकत में आ गया। मीडिया से बातचीत के दौरान महेश कुमार ने बताया कि शनिवार को बाइक चलाते समय मेरा एक्सीडेंट हो गया था। जिसके बाद मुझे श्री कृष्ण मेडिल कॉलेज में रेफर किया गया। लेकिन मेरे पैरों में अभी तक प्लास्टर की बजाए कार्डबोर्ड ही लगा है।
चिकित्सा अधिकारी ने दिया बयान
मामले पर बयान देते हुए मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि शनिवार की रात को मरीज मीनापुर से यहां आया था। उसके पैर में कार्डबोर्ड लगा था। हमें सूचना मिली कि मरीज के पैरों पर प्लास्टर नहीं चढ़ा है। पूछताछ में डॉक्टरों ने बताया कि वो मरीज की अच्छी तरह से जांच करने के बाद प्लास्टर लगाएंगे। हालांकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ने कार्डबोर्ड क्यों लगाया? इसकी छानबीन की जा रही है।