बिहार में पिछले दो दिनों में आकाशीय बिजली गिरने से तबाही मची है। आसमानी बिजली और गरज की आफत से पिछले 48 घंटे में कई लोगों की जान गई है। कई जिलों में आकाशीय बिजली का कहर देखने को मिला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में सबसे अधिक 22 लोगों की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने के कारण हुई है।
नालंदा के अलावा पटना, भोजपुर, सिवान, गया में चार-चार मौतें हुईं, गोपालगंज, जमुई में तीन-तीन लोगों की जानें गईं, जबकि मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, सारण और अरवल में दो-दो लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसके साथ ही बेगूसराय, दरभंगा, सहरसा, कटिहार, मुंगेर, मधेपुरा, अररिया और भागलपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। बिहार सरकार ने 4 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है।
हर साल होती हैं हजारों मौतें
भारत में आकाशीय बिजली गिरने से मौत के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, हर साल 2 से 3 हजार लोगों की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने के कारण हो जाती है। अगर दुनिया भर की बात करें, तो हर साल करीब 24 हजार लोग इस आसमानी आफत से मारे जाते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि आकाशीय बिजली हर सेकंड में 40 बार और एक दिन में लगभग 30 लाख बार गिरती है। हालांकि हर बार यह ज़मीन से नहीं टकराती। छत्तीसगढ़ सरकार की वेबसाइट के अनुसार, आकाशीय बिजली में 10 करोड़ वोल्ट के साथ 10,000 एम्पियर का करंट होता है, जबकि US की वेबसाइट weather.gov के अनुसार, आकाशीय बिजली में करीब 30 करोड़ वोल्ट और 30,000 एम्पियर की ताकत होती है।
— DM Darbhanga (@darbhanga_dm) April 10, 2025
आकाशीय बिजली की ताकत का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इससे 100 वॉट का बल्ब तीन महीने तक जल सकता है। घरों में इस्तेमाल होने वाली बिजली आमतौर पर 120 वोल्ट और 15 एम्पियर की होती है। रेलवे की तारों में 25 हजार वोल्ट की होती है। सोचिए, रेलवे की बिजली की चपेट में आते ही इंसान जल उठता है, तो आकाशीय बिजली के संपर्क में आने पर इंसान का क्या हाल होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
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कितनी होती है बिजली की रफ्तार
अगर बिजली की रफ्तार की बात करें, तो वह चंद्रमा पर महज 55 मिनट में पहुंच सकती है। आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल करीब 1.5 करोड़ बार आकाशीय बिजली गिरती है।