सौरभ कुमार, पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दिल्ली यात्रा समाप्त हो गई। आज नीतीश नीतीश कुमार बिहार लौट कर आ गए। अपने तीन दिन की दिल्ली यात्रा के दौरान नीतीश कुमार ने 10 विपक्षी दलों के नेताओं के साथ मुलाकात की और दावा किया की अब थर्ड नही बल्कि मेन फ्रंट बनेगा।
तीन दिनों के दिल्ली दौरे पर नीतीश ने इन नेताओं से की मुलाकात
तीन दिनों के दिल्ली दौरे के दौरान के जदयू नेता नीतीश कुमार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सीपीआई-एम नेता सीताराम येचुरी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी से मुलाकात की और आखिरी दिन यानि 7 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात की।
मेन फ्रंट बनाने की कोशिश में नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगले चुनाव में भाजपा को रोकने का बीड़ा उठाया है। इस काम के लिए वे कांग्रेस समेत संपूर्ण विपक्ष का मेन फ्रंट बनाना चाह रहे हैं। सबसे पहले उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर के साथ पटना में मीटिंग की। बैठक के माध्यम से नीतीश कुमार ने विपक्ष की गोलबंदी का मैसेज देने की कोशिश की।इसके बाद नीतीश कुमार देश की राजधानी दिल्ली पहुंच गये। सोमवार को दिल्ली जाने से पहले नीतीश कुमार ने राबड़ी देवी के आवास जाकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मुलाकात की। दोनों के बीच बातचीत हुई,फिर मुख्यमंत्री दिल्ली के लिए निकल गये।राजनीतिक जानकार बताते हैं कि लालू प्रसाद ने ही राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं को फोन कर नीतीश कुमार के साथ मीटिंग के लिए तैयार किय़ा था।
दलित समाज के बड़े चेहरे से आगे मिलेगें नीतीश
नीतीश कुमार जिस विपक्ष एकता को लेकर निकल पड़े हैं उनमें ममता बनर्जी, नवीन पटनायक,फारूख अब्दुल्ला-उमर अब्दुल्ला,और यूपी की पूर्व सीएम मायावती एक बड़ा फैक्टर हैं। मायावती दलित समाज की बड़ी नेत्री हैं। वे यूपी की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। इनका आधार दलित समाज में हैं।ऐसा माना जा रहा है की अगली यात्रा में नीतीश कुमार की मुलाक़ात इन सभी दिग्गजों से हो सकती है।
सभी नेता एक राय-नीतीश कुमार
नेताओं से मुलाकात के बाद सीएम नीतीश ने कहा कि हमने सभी लोगों से बात की है। सभी नेता इस बात पर एक राय हैं कि भाजपा रोकना जरूरी है। सभी दल के लोग आपस में बातचीत करेंगे। हमलोगों का तीसरा फ्रंट नहीं बल्कि मेन फ्रंट होगा।