Batadrava Satra Assam Temple Rahul Gandhi: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के लिए असम में हैं। सोमवार को उन्हें नगांव जिले के बताद्रवा स्थित श्री शंकर देव मठ जाने से रोक लिया गया। स्थानीय प्रशासन ने राहुल गांधी को मठ से लगभग 17 किलोमीटर दूर हैबोरगांव में रोक लिया। इसके बाद राहुल गांधी वहीं धरने पर बैठ गए। राहुल गांधी ने इसके बाद सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह तय करेंगे कि भारत में कौन किस मंदिर में जाएगा। आखिर राहुल गांधी जिस मंदिर में जाना चाहते हैं उसकी खास बात क्या है, आइए जानते हैं…
वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव का जन्मस्थान
बताद्रवा थान श्री शंकर देव मठ नगांव जिले में वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव का जन्मस्थान है। इसे बताद्रवा सत्र या थान सत्र के नाम से भी जाना जाता है। थान सत्र एक ईंट की दीवार से घिरा हुआ है। इसमें दो एंट्री गेट हैं। इसमें एक कीर्तन हॉल और इससे जुड़ा मणिकूट है, जहां पवित्र ग्रंथ और पांडुलिपियां रखी जाती हैं।
परिसर के भीतर नाटक हॉल, गेस्ट हाउस, असेंबली हॉल, संगीत कक्ष, उत्सव मंदिर समेत तमाम जगह शामिल हैं। यहां कलाकृतियों और ऐतिहासिक लेखों के लिए एक छोटा म्यूजियम भी है। यहां हर साल होली पर “दौल महोत्सव” नाम का त्यौहार मनाया जाता है। जो बोरदुआ में भक्तों के लिए खास आकर्षण है।
कौन थे शंकरदेव?
वैष्णव संत और सुधारक श्रीमंत शंकरदेव का जन्म 26 सितंबर 1449 को अलीपुखुरी, नगांव में हुआ था। जबकि देहावसान 7 सितंबर 1568 को कूच बिहार पश्चिम बंगाल में हुआ। 15वीं-16वीं शताब्दी के बीच वह एक महान संत और विद्वान रहे। वह एक कवि, नाटककार, कलाकार और सामाजिक-धार्मिक सुधारक भी थे। वह धार्मिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति रहे हैं।
उनके धार्मिक आंदोलन को नव-वैष्णव आंदोलन भी कहा जाता है। वह असम और पश्चिम बंगाल में भक्ति आंदोलन के प्रणेता माने जाते हैं। उन्होंने ‘एक सरनिया नाम धर्म’ की स्थापना की। जो भगवान विष्णु की पूजा में विश्वास करता है। देश-विदेश में उनके कई अनुयायी हैं।
भारत की सांस्कृतिक विविधता को शंकर देव जी ने भक्ति के माध्यम से एकता के सूत्र में पिरोया, लेकिन आज मुझे उन्हीं के स्थान पर माथा टेकने से रोका गया।
मैंने मंदिर के बाहर से ही भगवान को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लिया।
अमर्यादित सत्ता के विरुद्ध मर्यादा का यह संघर्ष हम आगे बढ़ाएंगे। pic.twitter.com/EjMS1hB6pG
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 22, 2024
राहुल गांधी को क्यों रोका गया?
राहुल गांधी को सुरक्षा कारणों और कानून में संभावित व्यवधान का हवाला देते हुए इस मठ में जाने की अनुमति नहीं दी गई। इसके साथ ही मंदिर प्रशासन ने एक दिन पहले ही राहुल गांधी को योध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आने की सलाह दी थी। राहुल गांधी के धरने के बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और बताद्रवा विधायक सिबामोनी बोरा विवाद को सुलझाने के लिए बताद्रवा थान गए।
सबके लिए खुली है मोहब्बत की दुकान,
जुड़ेगा भारत, जीतेगा हिंदुस्तान।🇮🇳 pic.twitter.com/Bqae0HCB8f— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 21, 2024
राहुल गांधी ने कहा कि श्री शंकरदेव की तरह कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और नेता लोगों को एक साथ लाने में विश्वास करते हैं। वे नफरत नहीं फैलाते। शंकरदेव हमें मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। वह मेरे लिए एक गुरु के समान हैं। इसलिए मैं असम पहुंचने पर मंदिर जाकर माथा टेकना चाहता था। पहले 11 जनवरी को हमें उस जगह का दौरा करने का निमंत्रण मिला था, लेकिन रविवार को बताया गया कि कानून-व्यवस्था के चलते आगे नहीं जा सकते। मैं जल्द ही बताद्रवा का दौरा करूंगा।
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