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बाबा रामदेव को बड़ा झटका; भरने पड़ेंगे 4.5 करोड़, सुप्रीम कोर्ट ने योग शिविरों पर सुनाया फरमान

Baba Ramdev Patanjali Yoga Camp: बाबा रामदेव अपने योग शिविरों को लेकर मुश्किल में फंस गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक फरमान सुनाया है, जिसके अनुसार बाबा को करोड़ों रुपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। आखिर मामला क्या है, आइए जानते हैं...

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Apr 21, 2024 13:55
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Baba Ramdev Patanjali Yoga Camp Service Tax
Baba Ramdev Patanjali Yoga Camp Service Tax

Baba Ramdev Yoga Camp SC Verdict: बाबा रामदेव की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। पहले भ्रामक विज्ञापन का मामला और अब उनके योग शिविर उनके लिए टेंशन बन गए हैं। दरअसल, रामदेव के योग शिविर सुप्रीम कोर्ट के राडार पर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बाबा और पतंजलि की एक याचिका खारिज करते हुए योग शिविरों के लिए सर्विस टैक्स देने का फरमान सुनाया है।

अक्टूबर 2006 से मार्च 2011 तक लगाए गए योग शिविरों के लिए साढ़े 4 करोड़ रुपये सर्विस टैक्स भरने का आदेश भी दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग को बाबा से रकम वसूलने को कहा है। बता दें कि सर्विस टैक्स भरने को लेकर इलाहाबाद सर्विस टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल द्वारा 5 अक्टूबर 2023 को जारी किए गए आदेश को सही ठहराया गया है।

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टिब्यूनल ने फीस लेकर ट्रेनिंग देने को सर्विस बताया

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एम ओक और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने फैसला सुनाया है। पीठ ने इलाहाबाद सर्विस टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल के उस फैसले को सही ठहराया, जिसमें कहा गया था कि पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट अपने योग शिविरों के लिए सर्विस टैक्स भरे। इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर करके पतंजलि और रामदेव की ओर से दलील दी गई थी कि योग हेल्थ एंड फिटनेस की कैटेगरी में आता है, जो टैक्स के दायरे में नहीं आती।

ट्रिब्यूनल की ओर से कहा गया कि योग शिविरों में आने वाले लोगों को रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। एंट्री फीस भी चुकानी पड़ती है। ऐसे में योग ट्रेनिंग एक सर्विस बन गई है। कानून के अनुसार, सर्विस के लिए टैक्स देना पड़ता है, इसलिए बाबा रामदेव को भी योग शिविरों के लिए सर्विस टैक्स भरना होगा। इस फैसले के खिलाफ बाबा ने याचिका दायर की थी।

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भ्रामक विज्ञापन के मामले में नहीं मिल रही राहत

बता दें कि बाबा रामदेव के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन से जुड़ा एक केस भी चल रहा है। मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। बाबा रामदेव और पतंजलि के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन चलाने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद नियमों का उल्लंघन किया गया। बाबा रामदेव 2 बार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर माफी मांग चुके हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट राहत देने को तैयार नहीं है। ऐसे में अब सर्विस टैक्स विवाद नई सिरदर्दी बन गया है।

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Written By

Khushbu Goyal

First published on: Apr 21, 2024 01:35 PM

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