IMA President Statement Baba Ramdev : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष डॉ. आरवी अशोकन ने बाबा रामदेव पर सख्त टिप्पणी की। आईएमए प्रमुख ने कहा कि बाबा रामदेव ने उस वक्त सारी हदें पार कर दी थीं, जब उन्होंने दावा किया था कि उनके पास कोरोना वायरस का इलाज है। साथ ही उन्होंने आधुनिक चिकित्सा पद्धति को ‘मूर्खतापूर्ण और दिवालिया विज्ञान’ कहकर बदनाम किया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा रामदेव और पतंजलि को फटकार लगाने के बाद आईएमए का यह बयान सामने आया।
साल 2022 में आईएमए ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। इस मामले में सुनवाई चल रही है, जिसमें कोरोना रोधी वैक्सीन और आधुनिक चिकित्सा पद्धति को बदनाम करने के लिए अभियान चलाने का आरोप लगाया गया। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण एवं पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को फटकार लगाते हुए भ्रामक विज्ञापनों पर आदेशों का पालन नहीं करने पर माफी मांगने को कहा था।
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सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण
आईएमए चीफ ने ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आईएमए और डॉक्टरों के कार्यों की निंदा की, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है। इन बयानों ने प्राइवेट डॉक्टरों का मनोबल गिराया। हम पूरी ईमानदारी और लगन से अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं।
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रामदेव ने राष्ट्र हित के खिलाफ बात की थी
डॉ. आरवी अशोकन ने कहा कि जब सरकार की ओर से वैक्सीनेशन का कार्यक्रम चलाया जा रहा था तब उन्होंने (बाबा रामदेव) देश हित के खिलाफ बात करते हुए कहा था कि टीके की दो खुराक लेने के बाद 20 हजार डॉक्टरों की मौत हो गई। अशोकन ने कहा कि बाबा रामदेव ने तब सारी हदें पार कर दीं, जब उन्होंने कोरोनिल यानी पतंजलि टैबलेट से संबंधित विज्ञापन देते हुए कहा कि WHO ने इसे मंजूरी दे दी है, जोकि गलत था।