भारत का नागरिक उड्डयन उद्योग तेजी से ऊपर की ओर बढ़ रहा है। नए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अगले पांच सालों में हवाई यात्रियों की संख्या में 80 फीसदी की बढ़ोतरी होगी, जो 2023-24 में 222 मिलियन यात्रियों से बढ़कर 2028-29 तक लगभग 400 मिलियन हो जाएगी। यह बढ़ोतरी महामारी के बाद निश्चित सुधार को दिखाती है। पांच साल में, वाणिज्यिक विमान बेड़े का आकार 813 से बढ़कर 1,300 होने की संभावना है। ये अनुमान भारत के विमानन बाजार की तेजी से रिकवरी और निरंतर विस्तार की तरफ संकेत देते हैं, जो कोविड महामारी के सालों के व्यवधानों (interruptions) के बाद तेजी से उबरा है।
विमानन बाजार में विस्तार
नए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अगले पांच सालों में हवाई यात्रियों की संख्या में 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी, जो 2023-24 में 222 मिलियन यात्रियों से बढ़कर 2028-29 तक लगभग 400 मिलियन तक पहुंच जाएगी। यह अनुमान भारत के विमानन बाजार की तेजी से रिकवरी को दिखाता है। दरअसल, कोविड महामारी के बाद सालों की रुकावट के बाद से यह लगभग सभी दूसरे बाजारों की तुलना में तेजी से उबरा है। भारत के आसमान में भी विमान सेवा कंपनियों की भीड़ बढ़ गई है। आकाश एयर जैसी नई कंपनियां परिचालन शुरू कर रही हैं, नई क्षमता और मार्ग बना रही हैं।
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अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) के अनुसार, 2023 के आखिर तक, दुनिया भर में हवाई यात्रा कोविड महामारी से पहले के स्तर के 94.1 फीसदी पर वापस आ जाएगी। जबकि, 2022 में अंतरराष्ट्रीय यात्रा में 41.6 फीसदी तक बढ़ोतरी होगी। कुछ रास्तों पर भारत जैसे बाजारों में घरेलू हवाई यात्रा 2019 के मुकाबले ज्यादा हो गई। इस उछाल का एक हिस्सा मजबूत उपभोक्ता मांग और विमानन खपत (Aviation Consumption) के एक बड़े चालक के तौर पर मध्यम वर्ग की वापसी के चलते हुआ है।
उड़ान योजना ने कैसे मदद की?
उड़ान योजना (उड़े देश का आम नागरिक) ग्रीनफील्ड को बढ़ावा दे रही है, जो क्षेत्रीय रूप से असेवित और कम सेवा वाले एयरपोर्ट पर ध्यान केंद्रित कर रही है। महाराष्ट्र में अमरावती और रत्नागिरी को उड़ान विकसित करने के लिए पहचाना गया है। अमरावती को पहले से ही अनुसूचित उड़ानों के लिए रेगुलेटरी अप्रूवल मिल चुका है। हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ रास्तों, विमानन जनशक्ति और सिक्योरिटी सिस्टम के विस्तार की भी उम्मीद है।
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