गुवाहाटी: असम के मंत्री अतुल बोरा को जान से मार देने की धमकी दिए जाने की बात सामने आई है। आतंकी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम-इंडिपेंडेंट (ULFAI) के नाम से दी गई है। इस संबंध में सूचना मिलने के बाद तुरंत हरकत में आई पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार भी कर लिया है। अब जांच का मसला यह है कि युवक ने आतंकी संगठन के नाम का इस्तेमाल क्यों किया या आतंकी संगठन ने इस काम के लिए उसे ही क्यों चुना। हालांकि खबर लिखे जाने तक इस बात को लेकर कोई खुलासा नहीं हो पाया है और पुलिस की तरफ से पूछताछ का क्रम जारी है।
असम गण परिषद के अध्यक्ष हैं अतुल बोरा
बता दें कि अतुल बोरा असम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सहयोगी राजनैतिक पार्टी असम गण परिषद (AGP) के अध्यक्ष हैं और इस वक्त प्रदेश की सरकार में मंत्री भी हैं। कुछ दिन पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Meta पर एक पोस्ट डालते हुए एक शख्स ने खुद को आतंकवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम-इंडिपेंडेंट (ULFAI) का सदस्य बताते हुए ऐलान किया कि संगठन मंत्री अतुल बोरा के घर पर हमला करने का इरादा रखता है। मंत्री को धमकी देने के इस आरोपी की पहचान शिवसागर जिले के 31 वर्षीय निप प्रतिम बरुआ पुत्र हरेन बरुआ के रूप में हुई है। उसकी तरफ से मंत्री अतुल बोरा को धमकी दिए जाने की सूचना के बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
Sri Nip Pratim Baruah (age-31yrs.), S/O- Sri Haren Baruah, Vill.- Bamun Moran Gaon, PS- Gaurisagar, Dist.- Sivasagar has been picked up for the Facebook post threatening the Hon Minister. The detention is based on substantial evidence. https://t.co/P45exs3gHJ
— GP Singh (@gpsinghips) November 15, 2023
---विज्ञापन---
यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़, घुसपैठ करने की कोशिश में 2 ढेर
DGP जीपी सिंह ने ‘X’ पर दिया कार्रवाई का आदेश
दरअसल, इस बारे में राज्य के पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ के जरिये सीआईडी को जांच का आदेश दिया था। इसके बाद मंत्री को धमकी देने वाली मेटा पोस्ट के आधार पर पुलिस ने निप प्रतिम बरुआ नामक इस युवक को शिवसागर जिले के गौरीसागर इलाके से काबू करके उससे पूछताछ शुरू कर दी। धमकी के मामले पर कार्रवाई के निर्देश संबंधी अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में डीजीपी जीपी सिंह ने लिखा है, ”निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ ऐसी कोई भी धमकी स्वीकार्य नहीं होगी क्योंकि इससे लोकतांत्रिक राजनीति को खतरा है’। इसी के साथ उन्होंने बताया कि आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज करके आगे की जांच-पड़ताल की जा रही है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि आतंकी संगठन ने इस काम के लिए उसे ही क्यों चुना, उसका संगठन के साथ क्या ताल्लुक है।
यह भी पढ़ें: 230 विधानसभा सीटों पर वोटिंग कल, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एयर एंबुलेंस और हेलीकॉप्टर जाएंगे