Amit Shah Slams Congress: लोकसभा और राज्यसभा में अपने नेताओं की कुछ टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाने वाले आरोपों पर अमित शाह ने कहा कि ये पहली बार नहीं है। शाह ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब संसद में की गई किसी की टिप्पणी को हटाया गया है। उन्होंने कहा कि सदन संसदीय भाषा का उपयोग करते हुए नियमों के तहत चर्चा करने का स्थान है।
न्यूज एजेंसी ANI से विशेष इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी के जवाब के दौरान विपक्ष की नारेबाजी की और कहा कि लोग देखते हैं कि संसद में क्या होता है। उन्होंने राज्यसभा में पीएम मोदी के भाषण के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर टिप्पणियों का भी जिक्र किया, जिसमें लगातार व्यवधान देखा गया।
Not first time when someone’s comments made in Parliament were expunged. History of Parliament proceedings clearly shows this. It's a place to hold discussions under rules, using parliamentary language:HM Shah on Oppn saying can’t speak in Parliament as their words being expunged pic.twitter.com/W5SaCv5r31
— ANI (@ANI) February 14, 2023
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अमित शाह बोले- जनता भी इस पूरे मामले को देख रही है
अमित शाह ने कहा कि पूरा देश प्रधानमंत्री को सुनता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जाएं और पीएम मोदी के भाषण में टिप्पणियों को पढ़ें। कुछ पार्टियां राजनीतिक स्टैंड लेती हैं और प्रधानमंत्री का संबोधन नहीं सुनना चाहती हैं, जनता इसे भी देख रही है।
अमित शाह ने कहा कि लोग परिपक्व हैं और अपने मतदान के फैसलों में इन कारकों को ध्यान में रखते हैं। संसद में तीखे मतभेदों और बातचीत की जरूरत के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को अन्य दलों के साथ बैठकर चर्चा करने में कोई समस्या नहीं है।
उन्होंने कहा, “हमें किसी के साथ बैठने में कोई समस्या नहीं है। लेकिन पहल सभी को करनी होगी।” बता दें कि कांग्रेस नेताओं ने अपनी पार्टी के नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के बयानों को सदन की कार्यवाही से हटाने पर केंद्र सरकार की आलोचना की है।
टिप्पणियों को हटाए जाने पर खड़गे क्या बोले थे?
खड़गे ने संवाददाताओं से कहा था, ”सभी नियमों पर विचार करने के बाद शब्दों को हटाया जाना चाहिए। हमने नियमों का भी अध्ययन किया है कि किन शब्दों को हटाया नहीं जा सकता है।” वहीं, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि राहुल गांधी के भाषण के एक हिस्से को हटाना केंद्र द्वारा मूल मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश है।
बता दें कि राहुल गांधी ने धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान एक भाषण में अपना भाषण लगभग पूरी तरह से अडानी मुद्दे पर समर्पित कर दिया था और प्रधानमंत्री के खिलाफ आरोप लगाए थे। इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने उन्हें (राहुल गांधी) भाजपा सदस्यों की ओर से उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है।
बता दें कि बजट सत्र का पहला भाग सोमवार को समाप्त हो गया। दोनों सदनों की बैठक 13 मार्च को फिर से शुरू होगी और बजट सत्र 6 अप्रैल को समाप्त होगा।