Amarnath Yatra: अमरनाथ तीर्थयात्रियों का पहला जत्था गुरुवार को जम्मू के यात्री निवास बेस कैंप पहुंच गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार को तीर्थयात्रियों का ये जत्था अमरनाथ गुफा के लिए रवाना होगा। 62 दिनों की अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई को शुरू होती है, जो 31 अगस्त को समाप्त होती है।
अमरनाथ यात्रा हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है जो अमरनाथ गुफा की यात्रा करते हैं, जिसे भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। इसकी शुरुआत पहलगाम में नुनवान और कश्मीर के गांदरबल जिले में बालटाल के प्राचीन रास्तों से होगी।
तंबाकू मुक्त होगी अमरनाथ तीर्थयात्रा
अमरनाथ तीर्थयात्रा में इस बार तंबाकू को पूरी तरह से बैन कर दिया गया है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर स्वास्थ्य विभाग की ओर से 28 जून को जारी आदेश के मुताबिक, नेशनल टोबैको कंट्रोल प्रोग्राम के तहत यात्रा को तंबाकू मुक्त बनाने कहा गया है। यात्रा में पड़ने वाले सभी पड़ावों पर तंबाकू प्रोडक्ट्स की बिक्री बैन रहेगी।
हाई रिस्क वाले रास्ते में तीर्थयात्रियों को हेलमेट पहनना जरूरी
तीर्थायत्रियों के लिए अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने कुछ नियम बनाए हैं। इसके मुताबिक, हाई रिस्क वाले करीब ढाई किमी के रास्ते में श्रद्धालुओं को हेलमेट पहनना जरूरी होगा। इसके अलावा खच्चर से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए भी हेलमेट जरूरी होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्राइन बोर्ड की ओर से श्रद्धालुओं को मुफ्त में हेलमेट मुहैया कराई जाएगी।
28 जून तक 3 लाख से ज्यादा लोग करा चुके हैं रजिस्ट्रेशन
यात्रा के लिए 28 जून तक करीब 3 लाख से ज्यादा लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। बता दें कि पिछले साल के मुकाबले ये आंकड़ा करीब 10 प्रतिशत अधिक है। बता दें कि DRDO और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बालटाल और चंदनवाड़ी में 100-100 बेड के अत्याधुनिक दो अस्पताल बनाए गए हैं।
श्राइन बोर्ड ने 1700 डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मचारियों की तैनाती भी की है। साफ-सफाई के लिए 4 हजार कर्मचारियों की तैनाती की गई है। यात्रा के लिए बनाए गए दोनों मार्गों पर 5100 टॉयलेट्स बनाए गए हैं। उधर, यात्रियों की सुरक्षा के लिए सांबा में इंटरनेशनल बॉर्डर से एक किलोमीटर के दायरे में धारा 144 लागू कर दी गई है। साथ ही रामबन में ड्रोन के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है।