नई दिल्ली: अजित पवार एक बार फिर एनसीपी से बगावत कर शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं। उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। अजित पवार के साथ एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और दिग्गज नेता छगन भुजबल भी एनडीए में शामिल हो गए हैं। एनसीपी के आठ अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। इस बीच एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड का प्रमोशन किया है। उन्हें विपक्ष का नेता और पार्टी का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है। इसके बाद जितेंद्र आव्हाड से पूछा गया कि पार्टी का मालिक कौन है? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल एनसीपी शरद पवार के साथ है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल हैं और उन्होंने ही मुझे विपक्ष के नेता के रूप में नियुक्त किया है।
आठ विधायकों ने ली शपथ
वहीं अजित पवार के सत्ता में जाने के बाद शरद पवार ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि उन्होंने आज कैबिनेट में कुछ एनसीपी सहयोगियों को शपथ दिलाई है, इसका मतलब है कि पीएम मोदी के भ्रष्टाचार के आरोप सच नहीं थे। शरद पवार ने कहा- पार्टी और जिन पर उन्होंने आरोप लगाए थे उन सभी को इन सभी आरोपों से मुक्त करने के लिए मैं प्रधानमंत्री का आभारी हूं। अजित पवार के साथ आठ अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है, जिनमें छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, धर्मराव अत्राम, अदिति तटकरे, संजय बनसोडे और अनिल पाटिल शामिल हैं। अजित पवार ने यह भी ऐलान किया है कि एनसीपी अगला चुनाव एक पार्टी के तौर पर लड़ेगी और पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करेगी।
क्या होता है मुख्य सचेतक
किसी राजनैतिक दल में सचेतक (ह्विप) वह व्यक्ति होता है जो उस दल में अनुशासन बनाए रखने के लिए उत्तरदायी होता है। आमतौर पर राजनीतिक दल के संचालन दस्तावेज में ही विधायक दल के नेता का प्रावधान है। यह नेता आमतौर पर पार्टी के विधायकों में से ही चुना जाता है। सचेतक (Whip), किसी राजनीतिक दल का एक अधिकारी होता है जो संसद सदन या विधानसभा के अंदर दल के ‘प्रवर्तक’ (Enforcer) के रूप में कार्य करता है। मुख्य सचेतक व्हिपिंग प्रणाली को संचालित करने के लिए जिम्मेदार होता है जो यह सुनिश्चित करता है कि पार्टी के सदस्य पार्टी नेतृत्व की इच्छा के अनुसार संसद में उपस्थित हों और मतदान करें।
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