Agniveer Akshay Laxman Funeral: ‘मेरा बेटा… बचपन से ही आर्मी में जाना चाहता था’ ये कहते ही फफक- फफक कर रो पड़े शहीद का पिता। रविवार को सियाचीन में शहीद हुए देश के पहले अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण के अंतिम संस्कार पर सभी की आंखे नम थी। लेकिन सबसे बुरा हाल तो शहीद अक्षय लक्ष्मण गावते के पिता लक्ष्मण गावते का था। किसी भी पिता के लिए अपने जवान बेटे की चिता को आग देना सबसे मुश्किल काम होता, जिसे वो कभी नहीं करना चाहता है। बेटे अक्षय लक्ष्मण गावते के अंतिम संस्कार में ऐसा ही कुछ लक्ष्मण गावते का हाल देखने को मिला।
अंतिम संस्कार छलका शहीद के पिता का दर्द
शहीद बेटे की चिता को देने से पहले अंतिम संस्कार पर मीडिया से बात करते हुए पिता लक्ष्मण गावते ने कहा कि ‘अक्षय बचपन से ही भारतीय सेना में काम करना चाहता था।’ उन्होंने रोते हुए आगे कहा कि शहादत से 2 दिन पहले ही अक्षय का फोन आया था, फोन पर पूरे परिवार का हल पूछा। इस दौरान अक्षय ने पिता से उनकी तबीयत का हालचाल पूछा था।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘मेरे बेटे ने B.Com की पढ़ाई पूरी करने के बाद आर्मी में भर्ती होने की इच्छा जाहिर की थी। हालांकि मैं बाकी परिवार उसे आर्मी में जाने से मना करते थे।’ इतनी बात करते हुए ही वो भावुक हो गई फफक- फफक कर रोने लगे।
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भारतीय सेना का स्पष्ट बयान
बता दें कि, अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण गावते के बलिदान को लेकर सोशल मीडिया पर काफी अफवाह फैलाई जा रही थी। जिसे देखते हुए भारतीय सेना की तरफ से एक स्पष्ट बयान जारी किया गया। अपने बयान में भारतीय सेना ने कहा कि अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण ने सियाचिन में अपना कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। दुख की इस घड़ी में भारतीय सेना शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ी है और मृतक के परिजनों को वित्तीय सहायता संबंध में सोशल मीडिया पर परस्पर विरोधी संदेशों को देखते हुए, यह स्पष्ट करना जरूरी है कि परिजनों को मिलने वाली परिलब्धियां सैनिक की सेवा के प्रासंगिक नियमों और शर्तों द्वारा शासित होती हैं।