हिंडनबर्ग आरोपों की जांच में सेबी (SEBI) द्वारा अडाणी समूह को क्लीन चिट दिए जाने के एक दिन बाद अडाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अडाणी ने अपनी पत्नी प्रीति अडाणी के साथ अहमदाबाद के एक जैन मंदिर में पूजा-अर्चना की. बताया गया कि इन आरोपों को लेकर क्लीन चिट मिलने के बाद अडाणी ने जश्न मनाने की जगह भगवान के दर्शन करना उचित समझा. इसके बाद पति-पत्नी मंदिर गए, दीया जलाया और भगवान से प्रार्थना की.
अडाणी परिवार के एक सहयोगी ने समाचार एजेंसी ANI से कहा कि यह अडाणी परिवार के लिए नियामक राहत से कहीं अधिक था, यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक था, यह धैर्य और विश्वास की जीत थी. वहीं अडाणी समूह के चेयरमैन ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के आधार पर झूठ फैलाने वालों से माफी की मांग की है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने मानदंडों का उल्लंघन करने या धोखाधड़ी करने के आरोपों को निराधार बताते हुए अडाणी समूह को क्लीन चिट दे दी है.
इसको लेकर अडाणी ने X पर लिखा कि एक बड़ी जांच के बाद, सेबी ने अपनी बात दोहराई है कि हिंडनबर्ग के दावे निराधार थे. पारदर्शिता और ईमानदारी हमेशा से अडाणी समूह की पहचान रही है. हम उन निवेशकों का दर्द गहराई से महसूस करते हैं जिन्होंने इस धोखाधड़ी और प्रेरित रिपोर्ट के कारण पैसा गंवाया. जो लोग झूठी खबरें फैलाते हैं, उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए. भारत के संस्थानों, भारत के लोगों और राष्ट्र निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट है.
बता दें कि अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर ने लेन-देन को छिपाने के लिए फंड रूटिंग का आरोप लगाया था, जिससे बाजार में भारी अस्थिरता आई और अडाणी समूह के मार्केट वैल्यू पर इसका असर पड़ा. इस क्लीन चिट से अडाणी समूह को बड़ी राहत मिली है और महीनों से चल रही जांच का अंत हो गया है.
अपनी जांच के बाद सेबी ने निष्कर्ष निकाला कि लिस्टिंग समझौते या सेबी लिस्टिंग दायित्वों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है. सेबी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता की याचिका खारिज कर दी है और कहा है कि नियमों के वर्तमान स्वरूप को तैयार करने में अपनाई गई प्रक्रिया में कोई अवैधता नहीं है. सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी माना कि सेबी को सेबी (एलओडीआर) विनियमों में किए गए संशोधनों को वापस लेने का निर्देश देने के लिए कोई वैध आधार नहीं दिया गया है. सेबी ने निष्कर्ष निकाला कि अडाणी समूह की संस्थाओं या व्यक्तियों पर कोई दायित्व या जुर्माना नहीं लगाया गया था और कार्यवाही बिना किसी निर्देश के निपटा दी गई थी.