देश के एक राज्य में 24 घंटे दुकानें खोलने का आदेश जारी हुआ है। असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने यह आदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री बिस्वा सरमा ने ट्वीट करके बताया कि अब गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और सिलचर में दुकानें 24 घंटे खुली होंगी। श्रमिकों के अधिकारों और सुविधाओं से समझौता किए बिना दुकानें खोली जा सकेंगे, लेकिन यह निर्णय शराब की दुकानों और बार के लिए लागू नहीं है।
कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री बिस्वा ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इसमें उन्होंने बताया कि उनकी मंत्रिपरिषद ने एक नीति को मंजूरी दी है, जिसके तहत राजधानी गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ और सिलचर शहर में शराब की दुकानों को छोड़कर अन्य दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान 24 घंटे खुले रहेंगे।
Assam CM Himanta Biswa Sarma tweets, “Now shops can operate 24* 7 in Guwahati, Dibrugarh, and Silchar and with extended timings in other areas without compromising on worker rights and conveniences. However, this decision is not applicable for liquor shops and bars.” pic.twitter.com/Fq3OmJavye
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) March 21, 2025
शिफ्टों की संख्या भी बढाई गई
मुख्यमंत्री सरमा ने अन्य शहरों में दुकानों को सुबह 2 बजे तक खोलकर रखने की अनुमति होगी, जबकि ग्रामीण इलाकों में दुकानें खोलने की समय सीमा रात 11 बजे तक होगी। हालांकि श्रमिक अधिकतम 9 घंटे तक काम कर करेंगे, लेकिन अगर कोई 24 घंटे काम करना चाहता है तो उसे 3 शिफ्टों में काम करना होगा। मुख्यमंत्री सरमा ने जोर देकर कहा कि दुकानों को 24 घंटे खोलने की अनुमति मिलने से छोटे व्यापारियों और दुकानदारों का फायदा होगा।
शिफ्टों की संख्या बढ़ने से अधिक नौकरियां पैदा होंगी। अरुणाचल प्रदेश में रहने वाले मोरन समुदाय के लोगों को आवेदन करने पर असम सरकार उन्हें स्थायी निवास प्रमाण पत्र देगी। हाल ही में मोरन समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपनी समस्याओं को उजागर करते हुए उन्हें एक ज्ञापन सौंपा था, जिस पर विचार विमर्श करने के बाद सर्टिफिकेट देने का फैसला लिया।
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चाय बगान क्षेत्रों में बनेंगी नई सड़कें
मुख्यमंत्री सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कैबिनेट ने चाय बागान क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण के लिए 262 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। राज्य सरकार पूर्व मुख्यमंत्री गोलाप बोरबोरा की जन्म शताब्दी मनाएगी, जो असम के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे। स्वास्थ्य विभाग में स्थायी नौकरियों के लिए आवेदन करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों के लिए निर्धारित आयु सीमा भी खत्म कर दी गई है। सरकार ने 50 या उससे अधिक विद्यार्थियों वाले प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का पद बनाने का फैसला भी किया है।