---विज्ञापन---

देश

8th Pay Commission: आठवां वेतन आयोग लागू होने से कितनी हो जाएगी आपकी सैलरी? ऐसे करें कैलकुलेशन

केंद्र सरकार ने आज 8वें वेतन आयोग के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी है. सरकार के इस कदम से 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारकों में खुशी का माहौल है. अब आठवें वेतन पैनल को 18 महीने में अपनी सिफारिशें सरकार को देनी होगी. पैनल बताएगा कि फिटमेंट फैक्टर कितना रखा जाए और इसी से नई बेसिक सैलरी तय होगी. यानी अभी सैलरी कितनी बढ़ेगी यह नहीं पता चलेगा. यह 18 महीने बाद समझ आएगा.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Versha Singh Updated: Oct 28, 2025 17:52

8th pay commission 2025: केंद्र सरकार ने आज 8वें वेतन आयोग के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी है. सरकार के इस कदम से 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारकों में खुशी का माहौल है. अब आठवें वेतन पैनल को 18 महीने में अपनी सिफारिशें सरकार को देनी होगी. पैनल बताएगा कि फिटमेंट फैक्टर कितना रखा जाए और इसी से नई बेसिक सैलरी तय होगी. यानी अभी सैलरी कितनी बढ़ेगी यह नहीं पता चलेगा. यह 18 महीने बाद समझ आएगा.

रिपोर्ट के अनुसार, इस बार फिटमेंट फैक्टर 1.86 फीसदी से लेकर 2.47 फीसदी तक रह सकता है. 1 जनवरी 2026 से आठवें वेतन आयोग को लागू माना जाएगा. उसके बाद जितनी देरी नया वेतन लागू होने में होगी वह एरियर के तौर पर जुड़ता जाएगा.

---विज्ञापन---

क्या होता है टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR)?

ToR आयोग के कामकाज का दिशानिर्देश दस्तावेज होता है. यह आयोग के दायरे (scope), उद्देश्यों (objectives) और सीमाओं (boundaries) को परिभाषित करता है. इसमें यह तय होता है कि आयोग क्या-क्या समीक्षा करेगा, जैसे सैलरी स्ट्रक्चर, अलाउंस, पेंशन आदि. बिना ToR के आयोग का काम शुरू नहीं हो सकता है.

सबसे अहम कड़ी ‘फिटमेंट फैक्टर’

चुनाव आयोग द्वारा मंजूरी देने के बाद कर्मचारियों के बीच सबसे ज्यादा चर्चा फिटमेंट फैक्टर को लेकर हो रही है. ये वहीं अहम कड़ी है जो ये तय करेगा कि आपकी नई बेसिक सैलरी कितनी होगी. आसान भाषा में समझें तो, फिटमेंट सेक्टर वह संख्या है जिससे आपकी मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा किया जाता है और फिर नई बेसिक सैलरी तय होती है.

---विज्ञापन---

7वें वेतन आयोग में कितना था ‘फिटमेंट फैक्टर’?

बता दें कि 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 तय किया गया था. इसी फैक्टर के कारण उस समय न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से सीधे बढ़कर 18,000 रुपये प्रति माह हो गया था. जो कर्मचारियों की सैलरी में एक बड़ी छलांग थी.

हालांकि, 7वें वेतन आयोग के लागू होने पर एक और बड़ा बदलाव हुआ था. महंगाई भत्ते (DA) को शून्य कर दिया गया था, क्योंकि इंडेक्स को नए सिरे से शुरू किया गया था. इस कारण वास्तविक वृद्धि (basic pay) 14.3% ही रही, लेकिन जब अन्य भत्तों को जोड़ा गया, तो पहले साल में वेतन में कुल 23% की बढ़ोतरी देखने को मिली थी.

कितना हो सकता है फिटमेंट फैक्टर?

बाजार में और जानकारों के बीच इस बात को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं कि इस बार फिटमेंट फैक्टर कितना हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक जा सकता है. अगय यह अनुमान सही साबित होता है तो यह कर्मचारियों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी साबित होगी. 2.86 के फैक्टर का मतलब है कि न्यूनतम मूल वेतन 51,000 रुपये के आंकड़े को पार कर सकता है. यदि ऐसा होता है, तो कर्मचारियों के वेतन में 40,000 रुपये से 45,000 रुपये तक का सीधा इजाफा संभव है.

यह भी पढ़ें- 8th Pay Commission: आठवें वेतन आयोग की रूपरेखा को मिली मंजूरी, 50 लाख कर्मचारियों को मिलेगा फायदा

कितनी होगी ग्रॉस सैलरी

ग्रॉस सैलरी में बेसिक सैलरी के साथ हाउस रेंट अलाउंस और डीए भी जुड़ता है. डीए यानी डियरनेस अलाउंस महंगाई के अनुसार दिया जाता है. यह साल में 2 बार अपडेट किया जाता है. अभी की कैलकुलेशन के लिए डीए को शून्य मान लेते हैं. हाउस रेंट अलाउंस भी 3 श्रेणियों में बांटा जाता है. मेट्रो सिटी में रहने वालों को बेसिक का 30 परसेंट, टियर-2 सिटी के लोगों को 20 परसेंट और टियर-3 सिटी के लोगों को 10 परसेंट हाउस रेंट अलाउंस मिलता है. अब ग्रॉस सैलरी कुछ इस तरह होगी.

New Gross Salary = (Current Basic Pay x Fitment Factor) + DA + HRA Class

कैलकुलेशन के लिए मान लेते हैं कि नई बेसिक सैलरी 2.47 फीसदी फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से बढ़ी है, तो नया वेतन 44,460 रुपये होगा. एचआरए 30 फीसदी मान लेते हैं. डीए को 0 रख लेते हैं. अब इसे फॉर्मूला में डालते हैं. नई सैलरी होगी- 44460+0+13338= 57,798 रुपये.

First published on: Oct 28, 2025 05:36 PM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.