पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गमगीन माहौल है। इस बीच हमले की जिम्मेदारी लश्कर ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली है। फिलहाल सेना और अन्य सुरखा एजेंसियां आतंकियों की तलाश में जुटी है। सुरक्षा बलों ने तीन आतंकियों के स्कैच जारी किए हैं। जानकारी के अनुसार हमला करने वाले आतंकियों में से 2 विदेशी और 2 स्थानीय थे।
सुरक्षा बलों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में अभी 56 विदेशी आतंकी सक्रिय हैं। इसमें 35 लश्कर-ए-तैयबा, 18 जैश-ए-मोहम्मद और 3 हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े हैं। हिजबुल के तीनों आतंकी पाकिस्तान के नागरिक बताए जा रहे हैं। इसके अलावा 17 स्थानीय आतंकी भी सक्रिय है। अब तक पहलगाम हमले में 28 पर्यटकों की मौत हो चुकी है। जबकि 17 घायल है। मामले की जांच एनआईए ने अपने हाथ में ले ली है। मौके पर गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद हैं। वे लगातार सुरक्षाबलों से फीडबैक ले रहे हैं।
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रक्षा मंत्रालय में तीन घंटे तक चली मीटिंग
इधर रक्षा मंत्रालय में तीन घंटे तक मीटिंग चली। इसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल रहे। मीटिंग में हुई चर्चा को पीएम मोदी के सामने सीसीएस मीटिंग में रखा जाएगा। इस बीच जानकारी सामने आई है कि आतंकी पूरी तैयारी के साथ हमला करने के लिए आए थे। आतंकियों ने अपनी पीठ पर बैग टांग रखे थे, जिसमें सूखे मेवे, दवाइयां और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी थे। जानकारी के अनुसार 5-6 आतंकियों का समुह कुछ समय से जंगल में छिपा था। वह स्थानीय लोगों की मदद से पहलगाम की रेकी कर रहा था।
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