13 September Historical Day: हर एक दिन का अपना एक विशेष महत्व होता है। जिसमें कई प्रकार की योजनाओं और जानकारियों कि सूचना मिलती है। बीत रहा हर एक दिन कोई न कोई सन्देश देता है। इस दिन जन्म लेने वाले लोग, प्रसिद्ध व्यक्तियों के निधन, युद्ध संधि, किसी देश की आजादी, नई तकनीकों का आविष्कार, सत्ता का परिवर्तन, महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवस आदि है।आज हम बात करेंगे 13 सितम्बर की, आखिर क्यों है इतनी खास? 13 सितम्बर कि तारीख। आइये जानते है।
भारत में पहली यूरोपीय फैक्ट्री खोली गई
13 सितंबर,1500 को पुर्तगाली खोजकर्ता पेड्रो अल्वारेस कैब्राल केरल के कालीकट पहुंचे थे और एक फैक्ट्री की स्थापना की जिसे भारत में पहली यूरोपीय फैक्ट्री माना जाता है।1500 में, पुर्तगाली नाविक पेड्रो अल्वारेस कैब्राल ने कोच्चि में भारत में पहली यूरोपीय बस्ती की भी स्थापना की थी।
अंतरराष्ट्रीय चॉकलेट दिवस
13 सितम्बर को पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय चॉकलेट दिवस मनाया जाता है।चॉकलेट का प्रयोग सबसे पहले आज ही के दिन हुआ था। चॉकलेट 450 ईसा पूर्व में अस्तित्व में आया था। इसकी शुरुआत सबसे पहले मेसो अमेरिका में हुई थी,जहां कोको पॉड्स के अंदर से फलियों से किण्वित पेय बनाए जाते थे। चॉकलेट को पहली बार 16वीं शताब्दी में 7 जुलाई, 1550 को यूरोप लाया गया था।बता दें यूएस नेशनल कन्फेक्शनर्स एसोसिएशन ने 13 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय चॉकलेट दिवस के रूप में सूचीबद्ध किया है था।
भारत में 13 सितंबर की ऐतिहासिक घटनाएं
- 1947 में भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 40 लाख हिंदुओं और मुस्लमानों के पारस्परिक स्थानांतरण का सुझाव दिया था।
- 2000में भारत के तेज शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने शेनयांग में पहला FIDE शतरंज विश्व कप जीता था।
- 2008 में कुछ समय के भीतर भारत के दिल्ली में पांच सिलसिलेवार बम विस्फोट हुए, जिनमें 30 लोग मारे गए और 130 घायल हो गए थे।
- 2014 में भारत के झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले में सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष में तीन आतंकवादी मारे गए और दो गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
ग्रेगरी कैलेंडर के अनुसार
ग्रेगरी कैलेंडर को देखा जाए तो 13 सितंबर को एक वर्ष में दिन संख्या 256 होती है और यदि यह लीप वर्ष है तो दिन संख्या 257 होती है । भारत और विश्व इतिहास में 13 सितंबर का अपना ही एक खास महत्व है क्योंकि इस दिन कई ऐसी घटनाएं घटी हैं जो इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज होकर रह गई है।