Delhi: दिल्ली में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा पीड़ित पैदल चलने वाले लोग हैं, जो कुल पीड़ितों का 43 प्रतिशत हैं। इसके बाद दोपहिया वाहन चालक आते हैं, जो हादसे में पीड़ितों का 38 प्रतिशत हैं। ‘दिल्ली रोड क्रैश फैटेलिटी रिपोर्ट 2023’ के अनुसार, सड़क हादसों में मौत के मामले पिछले साल की तुलना में 0.55 प्रतिशत कम हुए हैं। साल 2022 में 1,264 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2023 में यह संख्या घटकर 1,257 हो गई, भले ही सड़कों पर गाड़ियों की संख्या बढ़ी है।
ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन
दिल्ली पुलिस के अनुसार, ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के मामलों में भी वृद्धि हुई है। वर्ष 2022 में 4,38,052 मामले दर्ज किए गए थे, जो 2023 में बढ़कर 6,39,097 हो गए।
सड़क हादसे रोकने के लिए पुलिस ने क्या किया
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट में सड़क दुर्घटनाओं के कारणों, पैटर्न और सड़कों के डिजाइन में सुधार के सुझाव दिए गए हैं। इस रिपोर्ट के माध्यम से दिल्ली पुलिस एक सड़क सुरक्षा एक्शन प्लान बनाएगी, जिसमें कई विभागों के संयुक्त प्रयास से सड़क सुरक्षा में सुधार लाया जाएगा।
सबसे ज्याद खतरे में हैं पैदल चलने वाले लोग
विशेष पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) अजय चौधरी ने बताया कि पिछले दशक में दिल्ली में सड़क दुर्घटना मौतों में 20 प्रतिशत की कमी आई है। “अब हमारा फोकस पैदल यात्रियों की सुरक्षा पर अधिक है,” उन्होंने कहा। रिपोर्ट के अनुसार, पैदल यात्री और दोपहिया वाहन चालक सबसे ज्यादा जोखिम में हैं।
दिल्ली के ये 10 जगहें हैं हादसों की हॉटस्पॉट
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 2023 में 10 ‘ब्लैक स्पॉट’ (दुर्घटना संभावित स्थान) चिन्हित किए हैं, जिनमें आईएसबीटी कश्मीरी गेट, मुकर्बा चौक, लिबासपुर बस स्टैंड, कश्मीरी गेट चौक, बुराड़ी चौक, ब्रिटानिया चौक, भलस्वा चौक, वज़ीरपुर डिपो, मोरी गेट राउंडअबाउट और गांधी विहार बस स्टैंड शामिल हैं। इसके अलावा, एनएच-8, रोड नंबर 56, कंझावला रोड, एनएच-24, रोड नंबर 201, पटेल रोड, पंखा रोड, विकास मार्ग और नरेला रोड जैसे 10 अन्य मार्गों पर भी 10 से अधिक मौतें दर्ज की गईं। दिल्ली पुलिस अब सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तकनीक के उपयोग और सड़क डिजाइन में सुधार पर काम कर रही है, जिससे पैदल चलने वाले लोगों को सुरक्षित रखा जा सके।