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महिलाओं में क्यों होता है स्ट्रोक का खतरा ज्यादा? 6 रिस्क फैक्टर्स की मदद से जानें

Stroke Risk Factors in Women: स्ट्रोक एक ऐसी बीमारी है जो कई बार गंभीर बन सकती है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा खतरा रहता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि स्ट्रोक के रिस्क फैक्टर्स के बारे में जानना और बचाव करना।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Jan 8, 2024 09:39
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causes of a stroke in women
फोटो क्रेडिट- फ्रीपिक

Stroke Risk Factors in Women: तेजी से बदलती जीवनशैली कई परेशानियां पैदा करती हैं। बढ़ता काम का प्रेशर और सही डाइट न होने पर सेहत पर खराब असर पड़ रहा है और कई बीमारियों का शिकार बना रहा है। इन्हीं में से एक है स्ट्रोक की बीमारी। यह बीमारी महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करती है।

कई स्टडीज में पाया गया है कि महिलाओं में स्ट्रोक की समस्याएं कम उम्र के पुरुषों के मुकाबले में ज्यादा है, लेकिन पुरुषों में मिडिल एज की महिलाओं के मुकाबले में स्ट्रोक की होने वाली घटनाएं ज्यादा होती हैं। 80 साल से कम उम्र के ज्यादातर पुरुषों में स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है, लेकिन महिलाओं में खतरा कहीं ज्यादा बढ़ता है। स्ट्रोक के रिस्क फैक्टर्स महिलाओं में क्या होते हैं और इसके लक्षण कैसे हैं, जानिए।

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हाई ब्लड प्रेशर

हाई ब्लड प्रेशर महिलाओं में स्ट्रोक का प्रमुख फैक्टर है। अगर 5 में से 1 महिला को स्टेज 2 हाई ब्लड प्रेशर (ज्यादा या उसके बराबर) होता है, लेकिन आधे में ही यह कंट्रोल में रहता है। क्योंकि हाई बीपी ब्लड वेसल्स पर प्रेशर डालता है, जिससे उनका फटने का डर रहता है।

महिलाओं में स्ट्रोक के जोखिम क्या हैं, जानें Dr. Bindu Menon की इस Video में-

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प्रेगनेंसी

प्रेगनेंसी भी एक महिला के लिए स्ट्रोक की वजह हो सकता है। असल में, प्रेगनेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर होने के कारण स्ट्रोक का जोखिम बढ़ता है।

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उम्र

जैसे-जैसे उम्र बढ़ने लगती है, स्ट्रोक की बीमारी का जोखिम ज्यादा रहता है।

माइग्रेन

माइग्रेन पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में आम है। माइग्रेन एक तरह से इस्केमिक स्ट्रोक के बढ़ते खतरे से जुड़ा है। अगर कोई स्मोकिंग करती है या गर्भ निरोधक गोलियां का यूज करती हैं।

ब्रेन स्ट्रोक का कारण और उपचार, जानें डॉ मिताली कर (केयर अस्पताल, भुवनेश्वर)

हार्मोनल मेडिसिन

अगर कोई महिला पहले से ही स्ट्रोक के हाई रिस्क में है, उनके लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने से यह खतरा बढ़ सकता है। मेनोपॉज के दौरान हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी से महिलाओं में स्ट्रोक का जोखिम थोड़ा बढ़ सकता है, क्योंकि इससे ब्लड क्लॉट्स हो सकते हैं और हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है।

एट्रियल फिब्रिलेशन

एट्रियल फिब्रिलेशन का मतलब है कि अनियमित दिल की धड़कन, जिसे एएफआईबी (AFib Atrial fibrillation) भी कहते हैं, 75 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में स्ट्रोक का जोखिम 20 % तक बढ़ सकता है।

Disclaimer: इसमें दी गई जानकारी पाठक खुद पर अमल करने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर कर लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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Written By

Deepti Sharma

First published on: Jan 08, 2024 09:39 AM

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