Mumps Virus: राजस्थान में मम्प्स वायरस के अचानक ही बढ़ते मामलों ने सभी को चिंता में डाल दिया है। जयपुर में मम्प्स से संक्रमित 6 लोगों ने अब तक अपनी सुनने की कैपेसिटी खो दी है। कहने का मतलब है संक्रमित पूरी तरह से बहरे हो चुके हैं। कुछ मामलों में लोगों को कम सुनने लगा है। मंप्स से होने वाला संक्रमण आमतौर पर बच्चों में देखने को मिल रहा था, लेकिन अब इसकी चपेट में बड़े भी आ रहे हैं।
मम्प्स क्या है?
मम्प्स (Mumps) एक वायरल बीमारी है, जो चेहरे के दोनों साइड की ग्लैंड पर असर करती है। ये ग्लैंड लार बनाने का काम करती हैं और इन्हें पैरोटिड ग्रंथि (Parotid Glands) बोला जाता है। हालांकि, मम्प्स शरीर के किसी भी भाग पर असर कर सकती है, लेकिन ज्यादातर ग्रंथियां इससे ज्यादा प्रभावित होती है।
केरल में मम्प्स का कहर
पिछले कुछ महीनों में केरल में मम्प्स का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। राज्य में 10 मार्च तक 11,467 मामले सामने आए हैं और फिलहाल मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
मम्प्स के लक्षण
- चेहरे के एक या दोनों तरफ सूजन
- सूजन के आसपास, चेहरे, जबड़े और कानों के पास दर्द
- कान दर्द होना
- शरीर में दर्द होना
- सिर दर्द होना
- हल्का बुखार आना
- भूख कम लगना
- कमजोरी आना
आमतौर पर ये लक्षण वायरस के टच में आने के 2 हफ्तों के अंदर ही नजर आते हैं। इसके बाद तेज बुखार और ग्रंथियों में सूजन आती है।
कैसे फैलता है मम्प्स?
मम्प्स (Mumps) का वायरस ऊपरी सांस की नली(Upper Respiratory Tract) में रहता है और सीधे संक्रमित की लार या हवा में मौजूद बूंदों के जरिए एक से दूसरे में फैलता है। इसके अलावा से सुनने की कैपेसिटी को कम रहा है।
मम्प्स से बचाव कैसे करें?
टीकाकरण कराएं
मएमआर (MMR Vaccine) या एमएमआरवी (MMRV Vaccine) वैक्सीन लगाई जाती है।
उपचार
फिलहाल मम्प्स (Mumps) का कोई उपचार नहीं है। इलाज केवल दर्द के साथ-साथ अन्य लक्षणों को कम करने में हेल्प करता है। स्पीड रिकवरी के लिए भरपूर आराम करना जरूरी है। इसके साथ ही खूब सारा लिक्विड पिएं, ताकि बॉडी में पानी की कमी न हो। सूजन को कम करने के लिए आइस पैक का यूज करें और ऐसे खान-पान से बचें, जो सलाइवा ग्लैंड्स में ज्यादा दर्द करता है।
ये भी पढ़ें- केक खरीदते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना सेहत के लिए होगा खतरनाक