Mental Health: आपने अक्सर अपने माता-पिता से उनके दौर की कहानियां सुनी होंगी कि उन्हें स्कूल जाने के लिए दूर गांव चलकर या फिर नदी पार करके जाना पड़ता था। होता आज भी वैसा ही है लेकिन अब दूरी गांवों या नदियों तक सीमित नहीं रह गई है। अब बच्चों को दूर दूसरे शहर, राज्यों या फिर विदेश भी जाना पड़ता है। फिलहाल देश में रिजल्ट निकलने का समय चल रहा है। सीबीएसई की 12वीं के रिजल्ट के बाद अब अधिकांश राज्य बोर्ड के भी रिजल्ट आउट हो चुके हैं। 12वीं के बाद स्टूडेंट्स अच्छे कॉलेजों की तलाश करते हैं। कई बार उन्हें किसी पर्टीकुलर कोर्स के लिए अपने परिवार से दूर किसी अन्य राज्य या फिर विदेश जाना पड़ता है। ऐसे में उनकी मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ता है। आइए जानते हैं इस बारे में एक्सपर्ट से।
घर से दूर रहना क्यों कठिन?
अपने परिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों से दूर रहना कई छात्रों को अकेला और परेशान कर देता है। सबसे मुश्किल होती है होम सिकनेस यानी अपने घर और परिवार की याद, जो छात्रों के लिए किसी भी नई जगह में जिंदगी और भी ज्यादा कठिन बना देती है। दरअसल, नए शहर में पुराने लोगों और दोस्तों का साथ छूट जाता है। खुद को किसी नए क्षेत्र में सैटल करना मुश्किल होता है। कुछ बच्चों को खान-पान में भी दिक्कत होती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे अचानक जिम्मेदारियों का बोझ, खुश रहने का प्रेशर और दूर आकर भी अच्छी पढ़ाई का प्रेशर। ये चीजें बच्चों की मेंटल हेल्थ को प्रभावित करती हैं।
विदेश में रहना और भी मुश्किल!
विदेश में पढ़ाई करना जिंदगी का बिल्कुल नया और रोमांचक अध्याय होता है। नई जगह, नई संस्कृति, नए लोग और सब कुछ खुद ही संभालना ये अनुभव जितना खास है, उतना ही चुनौती भरा भी होता है। खुद ही फैसले लेना, डॉक्युमेंट्स संभालना, घर के काम करना, पढ़ाई का प्रेशर झेलना, अकेले रहना, ये सब चीजें कई बार छात्रों के लिए मानसिक बोझ बन जाती हैं। ऐसे में जो लोग अपने परिवार के साथ रहते हैं, उन्हें थोड़ी राहत मिल जाती है। मगर जो छात्र विदेश में हैं, क्या उनकी स्थिति काफी अलग होती है।
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क्या कहती हैं एक्सपर्ट?
सूरत के ऑन ट्रैक एजुकेशन की संस्थापक, ममता जानी कहती हैं कि हर साल घर से दूर रहकर पढ़ाई करने वाले छात्रों में मानसिक तनाव, डिप्रेशन और अकेलेपन की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। कुछ छात्रों को अपने परिवार से वीडियो कॉल पर बात करके सुकून मिलता है, लेकिन कुछ के लिए ये भी काफी नहीं होता। ऐसे में हम आपको कुछ आसान और कारगर टिप्स दे रहे हैं, जो इस मुश्किल समय में आपको शांत और मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाते हैं।
1. रोज का एक छोटा रूटीन बनाएं
हर दिन के लिए एक छोटा-सा प्लान बनाएं। जैसे सुबह टहलना, योग करना, मेडिटेशन करना या कोई हल्का व्यायाम। ये सब चीजें आपको शांत और पॉजिटिव बनाए रखेंगी।
2. अपने अपनों से जुड़े रहें
रोज अपने परिवार या दोस्तों से वीडियो कॉल पर बात करें। उन्हें देखकर आपको तसल्ली मिलेगी कि वे सुरक्षित हैं और आपको अकेलापन महसूस नहीं होगा।
3. यूनिवर्सिटी की काउंसलिंग सेवाओं का उपयोग करें
अगर आप अपनी भावनाओं को खुद संभाल नहीं पा रहे हैं, तो यूनिवर्सिटी की काउंसलिंग सुविधा का लाभ उठाएं। जब परिवार से बात करना मुमकिन न हो, तब प्रोफेशनल हेल्प फायदेमंद साबित होती है।
4. खुद को समझाएं- “ऐसा महसूस करना ठीक है”
अपने आप को रोज याद दिलाएं कि अगर आप दुखी, चिंतित या परेशान महसूस कर रहे हैं, तो यह सामान्य है। खुद को मोटिवेट करें कि आप बहादुर हैं और यह दौर भी गुजर जाएगा।
5. अपने शरीर का ख्याल रखें
सही खान-पान रखें, जंक फूड से दूर रहें और बहुत ज्यादा कॉफी न पिएं। अगर मन ठीक नहीं है, तो नींद पूरी लें और नेगेटिविटी से दूर रहें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।