Mental Health: एगोराफोबिया एक मानसिक स्थिति है, जिसमें भीड़भाड़ वाले या खुली जगहों पर जाने से डर लगता है। कई बार ये डर इतना बढ़ जाता है कि व्यक्ति सामान्य गतिविधियों से भी दूरी बनाने लगता है। एगोराफोबिया से पीड़ित लोगों को खुली जगहों में डर, पसीना आना, तेज दिल की धड़कन और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। कई बार एगोराफोबिया से पीड़ित लोग को चिंता या घबराहट का दौरा पड़ने का डर रहता है। अकेलेपन का एहसास और सामाजिक दूरी भी इसके संकेत हो सकते हैं। ऐसे में इस मानसिक बीमारी से छुटकारा पाना जरूरी हो जाता है। आइए जानते हैं इसके संकेत और इलाज…
क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
डॉक्टर प्रवीन त्रिपाठी कहते हैं कि भीड़ या बंद जगह पर जाने से डर लगना कोई आम बात नहीं है। ये एक तरह की बीमारी होती है, जिसे एगोराफोबिया कहा जाता है। डॉक्टर बताते हैं कि इस बीमारी का कोई खास कारण होता है। इस दौरान बहुत ज्यादा घबराहट, सीने में दर्द, स्ट्रेस फील होता है, सांस फूलने लगता है पसीना आने लगता है और कई बार हार्ट अटैक जैसा भी फील होने लगता है।
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एगोराफोबिया के संकेत
1. चक्कर आना या हल्का सिर दर्द
2. सीने में दर्द या हार्ट बीट बढ़ना
3. सांस लेने में परेशानी या हाइपरवेंटिलेशन
4. कांपना और मतली आना
5. अचानक ठंड लगना या चेहरे का लाल होना
एगोराफोबिया से बचाव के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय
लैवेंडर तेल का इस्तेमाल- लैवेंडर तेल को आप नाक और माथे पर लगाएं, इससे आपकी घबराहट कम होगी।
हर्बल चाय पिएं- हर्बल चाय जैसे कि पुदीने की चाय तनाव को दूर करने के लिए एक अच्छा तरीका हो सकता है।
गहरी सांस लें- जब आपको एगोराफोबिया दौरा पड़े तो गहरी सांस लेने से आपकी घबराट कम हो सकती है और आप अच्छा फील कर सकते हैं।
गाय का दूध पिएं- रात को सोने से पहले गाय का दूध पीने से आपका दिमाग शांत रहता है और आपको बेवजह एगोराफोबिया का दौरा नहीं पड़ता है।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।