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हेल्थ

स्मार्टफोन की लत से बच्चों में इन 3 बीमारियों का रिस्क, बेंगलुरु की रिसर्च में हुआ खुलासा

स्मार्टफोन आजकल हर किसी के हाथ में है। फिर चाहे वो बड़े हों या छोटे स्कूल जाने वाले बच्चे। छोटे बच्चों में फोन का ज्यादा इस्तेमाल उनकी सेहत के लिए बिल्कुल सही नहीं है। हाल ही में हुई एक रिसर्च में पाया गया है कि इनसे बच्चों को 1 नहीं बल्कि 3-3 बीमारियों का रिस्क है।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Apr 26, 2025 12:21

आज की डिजिटल दुनिया में स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का जरूरी हिस्सा बन चुका है। जहां एक ओर ये उपकरण ज्ञान, मनोरंजन और कनेक्शन को बनाए रखने का साधन हैं, वहीं दूसरी ओर बच्चों में इसकी बढ़ती लत एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई ने बच्चों को स्क्रीन से इतना जोड़ दिया कि अब स्थिति ये है कि पढ़ाई खत्म होने के बाद भी बच्चे घंटों मोबाइल से चिपके रहते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि स्मार्टफोन की यह लत बच्चों को मानसिक, शारीरिक और सामाजिक रूप से कमजोर कर रही है। खासकर, इससे जुड़ी 3 बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। बेंगलुरु में हुई एक रिसर्च में इस बात का खुलासा किया गया कि फोन का इस्तेमाल 60% बच्चों को नींद से दूर कर रहा है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

द क्यूरियस पैरेंट के फाउंडर, पैरेंटिंग एक्सपर्ट, हरप्रीत सिंह ग्रोवर बताते हैं कि बच्चे फोन की जिद, दूसरों से देखकर करते हैं। इसका मतलब है कि बच्चे अपने दोस्तों के पास फोन देखते हैं और फिर अपने माता-पिता से फोन की जिद करते हैं। स्मार्टफोन एडिक्शन पर बेंगलुरु में हुी स्टडी के मुताबिक, 28% बच्चे स्मार्टफोन एडिक्शन से परेशान हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 60% बच्चे जो रोजाना 5 घंटे से ज्यादा समय फोन पर बिताते हैं, उन्हें अनिद्रा की समस्या होती है। वहीं, 20% बच्चों को आंखें कमजोर हो रही हैं और उन्हें कम आयु में ही चश्मा पहनना पड़ रहा है।

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इन 3 बीमारियों का रिस्क

1. नींद संबंधी समस्याएं

हेल्थ रिसर्च के मुताबिक, सबसे ज्यादा 60% बच्चे नींद की समस्याओं से जूझ रहे हैं क्योंकि वे स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग कर रहे हैं। देर रात तक वीडियो देखना, गेम खेलना या सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते रहना उनकी नींद का समय प्रभावित करता है। नींद की कमी से बच्चों में चिड़चिड़ापन, फोकस न कर पाना और थकान की समस्या होती है।

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2. आंखों की समस्याएं

लगातार स्क्रीन पर देखने से बच्चों की आंखों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। इससे आंखों में जलन, धुंधला दिखना, सिरदर्द और सूखापन शामिल हैं। बच्चों की आंखें अभी विकास की प्रक्रिया में होती हैं और लगातार स्मार्टफोन का उपयोग उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। रिपोर्ट बताती हैं कि 20% तक बच्चों को कम उम्र में ही चश्मा लग रहा है। ये बच्चे सिरदर्द की समस्या से परेशान रहते हैं।

3. मानसिक स्वास्थ्य पर असर

स्मार्टफोन की लत बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाल रही है। लगातार सोशल मीडिया पर बने रहना, ऑनलाइन गेम्स और वीडियो कंटेंट देखने से बच्चे तनाव, चिंता और डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं। साथ ही, वास्तविक दुनिया से दूर हो रहे हैं। बच्चे फोन के एडिक्शन में डूब रहे हैं। रिसर्च के मुताबिक, 28% बच्चे फोन एडिक्ट हैं।

बच्चे फोन पर देख क्या रहे हैं?

  • पढ़ाई के नाम पर फोन मांगने वाले बच्चे असल में मोबाइल पर कुछ और कर रहे हैं। कुछ आंकड़ों में इसका खुलासा हुआ है। जैसे-
  • 37% बच्चे वीडियो प्लेटफॉर्म्स (YouTube, Netflix) पर घंटों बिताते हैं।
  • 35% बच्चे सोशल मीडिया (Instagram, WhatsApp) पर एक्टिव हैं।
  • 33% बच्चे ऑनलाइन गेम्स (PUBG, Free Fire) में उलझे हैं।

बच्चों की लाइफस्टाइल में ये बदलाव इग्नोर न करें

  • बच्चे का अचानक चुप रहने लगना।
  • नींद, खाने या अन्य आदतों में बदलाव होना।
  • अपने शौक की चीजों को छोड़ देना।
  • हमेशा फोन में रहने लगना।
  • स्कूल या पढ़ाई से दूरी बनाना।
  • जल्द बोर होने लगे तो।
  • माता-पिता से बात करना बंद कर देना।

जरूरी पेरेंटिंग टिप्स

  • 16 साल से कम आयु वाले बच्चों को फोन न दें।
  • रोजाना बच्चों के साथ 15 मिनट बैठकर बातें करें।
  • बच्चे की हर जिद पूरी करने की जगह उन्हें समझदार बनाएं।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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Edited By

Namrata Mohanty

First published on: Apr 26, 2025 12:07 PM

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