साल 1972 की में एक गर्भवती महिला के खून में में एक अनोखी कमी देखने को मिली। 50 साल के शोध के बाद ब्रिटेन और इजराइल के वैज्ञानिकों ने एक नए ब्लड ग्रुप की खोज की। 2024 में टीम ने अपने पेपर में इस रिसर्च को प्रकाशित किया। इससे दुर्लभ ब्लड टाइप वाले मरीजों का बेहतर इलाज संभव होगा। लगभग 20 सालों तक इस ब्लड से जुड़ी विशिष्टता पर रिसर्च करने के बाद यूके नेशनल हेल्थ सर्विस के हेमेटोलॉजिस्ट लुईस टिली ने पिछले सितंबर में कहा कि ये एक बड़ी उपलब्धि है।
हमारे शरीर में कई प्रकार के ब्लड ग्रुप होते हैं, जिनमें ABO और Rh प्रमुख हैं। ये ब्लड ग्रुप प्रोटीन और शुगर से बनते हैं, जो ब्लड सेल्स पर पाए जाते हैं। हमारा शरीर इनका इस्तेमाल बीमारियों की पहचान के लिए करते हैं और हानिकारक तत्वों से बचाव करते हैं। टिली ने बताया कि ब्लड चढ़ाते समय ब्लड ग्रुप का मिलान बहुत जरूरी है। अगर ब्लड ग्रुप मेल नहीं खाता, तो इससे गंभीर प्रतिक्रिया हो सकती हैं। नए ब्लड ग्रुप की खोज से दुर्लभ ब्लड ग्रुप वाले मरीजों का बेहतर इलाज हो सकेगा।
ये भी पढ़ें- ये 3 फर्मेंटेड फूड डाइजेशन को बनाते हैं हेल्दी, गर्मियों की डाइट में करें शामिल
ब्लड ग्रुप MAL क्या है?
पिछले शोध में पाया गया कि 99.9 प्रतिशत से अधिक लोगों में AnWj एंटीजन होता है, जो 1972 की मरीज के खून में नहीं था। ये एंटीजन माइलिन और लिम्फोसाइट प्रोटीन पर पाया जाता है, जिससे शोधकर्ताओं ने नए ब्लड ग्रुप को MAL ब्लड ग्रुप नाम दिया। जब किसी व्यक्ति के दोनों MAL जीन में म्यूटेशन होता है, तो उनका खून AnWj नकारात्मक हो जाता है। जैसे कि गर्भवती मरीज का था। टिली और उनकी टीम ने तीन मरीजों की पहचान की जिसमें दुर्लभ ब्लड ग्रुप था, लेकिन इस म्यूटेशन नहीं था, जिससे पता चलता है कि कभी-कभी ब्लड डिसऑर्डर भी एंटीजन को दबा सकते हैं।
MAL ब्लड ग्रुप
1. ये ब्लड ग्रुप माइलिन और लिम्फोसाइट प्रोटीन पर बेस्ट है।
2. AnWj एंटीजन के न होने से MAL रक्त समूह की पहचान होती है।
3. दुर्लभ ब्लड ग्रुप वाले मरीजों में MAL जीन म्यूटेशन या रक्त विकार हो सकते हैं।
ये भी पढ़ें- ये 3 लोग भूलकर भी न खाएं गर्मियों में तरबूज, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।