Fatty Liver And Swelling: लिवर की सेल्स में जब फैट जमने लगता है, तो धीरे-धीरे लिवर में सूजन आने लगती है। इसे फैटी लिवर कहते हैं। फैटी लिवर होने पर शरीर में कैलोरी की मात्रा फैट में बदल जाती है। लिवर की सेल्स में जब फैट जमने लगता है, तो इससे सूजन बढ़ने लगती है।
ये सूजन लिवर को डैमेज कर सकती है। इसके अलावा पाचन पर बुरा असर पड़ सकता है। कई बार इस समस्या का ज्यादा बढ़ने के बाद पता चलता है। ऐसे में फैटी लिवर को सही करना काफी मुश्किल हो जाता है। चलिए जान लेते हैं फैटी लिवर के लक्षण और इससे कैसे करें बचाव..
फैटी लिवर के कितने टाइप हैं?
फैटी लिवर दो टाइप के होते हैं एक एल्कोहॉलिक फैटी लिवर (Alcoholic Fatty Liver) और दूसरा नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर (non alcoholic fatty liver)। एल्कोहॉलिक फैटी लिवर ज्यादा शराब पीने से होता है जबकि नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर खानपान के कारण होता है। ऐसे में लोगों को ऑयली फूड्स और बाहर के खाने से बचें। मोटापा या फिर डायबिटीज के मरीजों को फैटी लिवर की समस्या का खतरा ज्यादा रहता है।
फैटी लिवर के लक्षण
लिवर में सूजन के लक्षण
किन वजहों से होता है फैटी लिवर
ज्यादा शराब पीना
ज्यादा और रेगुलर शराब पीने से लिवर की सेल्स को नुकसान पहुंचाता है, जिससे लिवर में फैट जमा हो जाता है। लगातार शराब पीने से लिवर में सूजन होती है, जो लिवर की कार्यक्षमता पर असर करती है।
मोटापा और खराब डाइट
ज्यादा कैलोरी का सेवन करने से फैट लिवर में जमा हो सकता है। हाई फैट, शुगर और प्रोसेस्ड फूड का सेवन लिवर में फैट के जमाव को बढ़ा सकता है।
डायबिटीज और इंसुलिन रेजिस्टेंस
डायबिटीज और इंसुलिन रेजिस्टेंस लिवर में फैट को बढ़ा सकते हैं। इंसुलिन रेजिस्टेंस, हाई ब्लड शुगर, हाई ब्लड प्रेशर और असामान्य कोलेस्ट्रॉल लेवल जैसे फैक्टर फैटी लिवर की संभावना बढ़ा सकते हैं।
हाई कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड लेवल
हाई कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड लेवल लिवर में फैट के जमाव को बढ़ावा दे सकते हैं।
तेजी से वजन घटाना
तेजी से वजन घटाने से लिवर में फैट का जमाव हो सकता है। पोषक तत्वों की कमी लिवर की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती है।
जेनेटिक फैक्टर
अगर परिवार में किसी को फैटी लिवर की समस्या है, तो आपको होने की इसकी संभावना बढ़ जाती है। कुछ जेनेटिक म्यूटेशन फैटी लिवर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
अनबैलेंस्ड लाइफस्टाइल
इनएक्टिव लाइफस्टाइल और एक्सरसाइज की कमी लिवर में फैट के जमाव को बढ़ा सकती है। भरपूर नींद न होने पर और तनाव फैटी लिवर की समस्या को बढ़ा सकते हैं।
मेडिसिन और केमिकल का असर
स्टेरॉयड, टेमोक्सीफेन और अन्य मेडिसिन लिवर में फैट के जमाव को बढ़ा सकती हैं। कुछ टॉक्सिन्स और केमिकल लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं और फैटी लिवर की संभावना बढ़ा सकते हैं।
फैटी लिवर से कैसे बचें
- नारियल पानी, दाल का पानी, छाछ जैसी चीजों का ज्यादा सेवन करें।
- एक्सरसाइज जरूर करें और सुबह-शाम वॉक करें।
- लहसुन को हर सब्जियों में यूज करें।
- शाम को 8 बजे तक खाना खा लें और देर रात खाना खाने से बचें, क्योंकि खाना फिर पचने में समय लगाता है।
- गैस बनाने वाली चीजों को खाने से बचें और खाने को खूब चबा-चबाकर खाएं।
- ब्रोकली, मछली, एवोकैडो जैसी चीजों को डाइट में शामिल करें।
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