Eye Twitching: पलक फड़कना आम तौर पर किसी गंभीर बात का संकेत नहीं है। लेकिन कुछ मामलों में, यह बेहद गंभीर और नुकसानदाक हो सकता है, जैसे जब आप काम से घर जा रहे हों या किसी मीटिंग में बैठे हों। छिटपुट ऐंठन आम है। वे आम तौर पर अपने आप ही रुक जाते हैं। लेकिन आंखें क्यों फड़कती हैं और इसे रोकने के लिए आप क्या कर सकते हैं? इन बातों का पता होना बेहद जरूरी है, ज्यादतर लोग इसे शुभ-अशुभ होने से जोड़ते है। लेकिन इसका वास्तविक कारण क्या है, इसके बारे में जानने के लिए एक्सपर्ट की सलाह लेंगे, तो चलिए जानते हैं, पलक किन कारणों की वजह से फड़कता है।
ब्लेफरोस्पाज्म (Blepharospasm): ब्लेफरोस्पाज्म की समस्या में दोनों आंखें बंद होती जाती हैं और आंखें फड़कती रहती हैं। इसमें एक पलक के अधिक झटके लगते हैं, जिसे मायोकिमिया के रूप में जाना जाता है। लेकिन कुछ मामलों में ऐंठन पुरानी और लगातार होती है। इस समस्या में अधिकांश लोगों को हर 3 से 4 महीने में इंजेक्शन लगवाने की जरूरत पड़ती है। यदि इंजेक्शन आपके लिए काम नहीं करते हैं, तो आपका डॉक्टर मायएक्टोमी नामक सर्जरी कराने की सलाह देते हैं।
हेमीफेशियल ऐंठन(Hemifacial spasm): हेमीफेशियल ऐंठन की समस्या में आपके चेहरे के एक तरफ की मांसपेशियों में जलन होती है। हेमीफेशियल ऐंठन एक तंत्रिका तंत्र की स्थिति है। जिसमें चेहरे के एक तरफ की मांसपेशियां हिल जाती हैं।यह एक न्यूरोमस्कुलर डिसऑर्डर है। इसे आंखों में होने वाले (न्यूरोमस्कुलर) मूवमेंट का कारण माना जाता है। चेहरे में चोट या ट्यूमर के कारण हेमीफेशियल ऐंठन की समस्या होती है।
पलक मायोकिमिया(Eyelid myokymia): मायोकिमिया स्वस्थ व्यक्तियों में शारीरिक रूप से चेहरे या अंग मायोकिमिया के रूप में हो सकता है। पलक का मायोकिमिया आम तौर पर एकतरफा होता है, जो मुख्य रूप से निचली पलक को प्रभावित करता है। यह अनायास ही चालू हो जाता है और कुछ सेकंड, मिनट, घंटे या सप्ताह तक भी बना रह सकता है।
मेइगे सिंड्रोम(Meige syndrome:): मेइगे सिंड्रोम की समस्या में आंखों, निचले चेहरे और जबड़े को हिलाने वाली मांसपेशियों में जोरदार और दर्दनाक ऐंठन होती है। जिन लोगों को मीज सिंड्रोम होता है, उनकी जीभ और जबड़े के साथ-साथ पलकों में भी ऐंठन होती है। इसमें एक आंख से संबंधित ब्लेकरोस्पैजम और दूसरा मुंह, जीभ और जबड़े से जुड़ा ओरो मैडिब्यूलर इन डिसऑर्डस (disorder) में तेज दर्द करता है।