Covid Alert: कोरोना की नई लहर से दुनिया एकबार फिर खौफ में है। यह एक ऐसा वायरस है जिससे जन जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। पिछली बार भी इस वायरस कि चपेट में आने से लाखों लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। लॉकडाउन, वर्क फ्रॉम होम और हमेशा घर के अंदर कैद रहना हर किसी के जीवन का बिल्कुल नया अनुभव था। लोग अबतक उस मातम के मंजर को भूले नहीं है और अब इसके नए वेरिएंट ने दुनिया में फिर से कोहराम मचाना शुरू कर दिया है। बता दें कि कोरोना के इस वेरिएंट को JN.1 वर्जन माना जा रहा है। आइए जानते हैं इस वेरिएंट से जुड़ी हर जानकारी।
क्या है JN.1 वेरिएंट?
कोरोना का यह वेरिएंट पहली बार साल 2023 के अगस्त में मिला था। इसे ओमिक्रॉन फैमिली का हिस्सा माना जा रहा है। ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट BA.2.68 से बना है। साल 2022 में कोरोना के मामले इस सब वेरिएंट के कारण ही बढ़े थे। इस वेरिएंट को ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है क्योंकि इस प्रकार में म्यूटेशन अधिक होती है। म्यूटेशन ज्यादा होने से ये ज्यादा संक्रामक हो जाता है। एक्सपर्ट मानते हैं कि कोरोना का ये वेरिएंट तेजी से फैलता भी है।
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JN.1 वेरिएंट के लक्षण
हालांकि, सीडीसी (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार, इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि इसके लक्षण बाकियों से अलग है या नहीं। इसके कुछ शुरुआती संकेत पहले मिले वेरिएंट के मरीजों से काफी मेल खाते हैं।
ये हैं लक्षण
- नाक बहना।
- सूंखी खांसी।
- बुखार।
- गले में खराश।
- सिरदर्द।
- उल्टी-मतली।
- दस्त।
- ठंड लगना।
भारत में कितना खतरा?
भारत में इस वायरस को लेकर ज्यादा खतरा नहीं माना जा रहा है। दरअसल, भारत में पहले भी ओमिक्रॉन वेरिएंट से लोग पीड़ित हो चुके हैं और इसके कई अन्य सब-वेरिएंट के संपर्क में भी आ चुके हैं। इसलिए, नए वायरस को लेकर खतरा थोड़ा कम है। मगर सभी को वैक्सीन तथा बूस्टर डोज लगवाने की अपील भी की जा रही है। एक रिपोर्ट की मानें तो साल 2024 के जनवरी में दिल्ली में जेएन.1 का एक मामला मिला था। फिलहाल केंद्र सरकार भी कोरोना को लेकर सावधानी बरत रही है और अपनी नजर बनाएं हुए हैं।
बचाव के लिए क्या करें?
- भीड़-भाड़ वाले स्थानों से दूर रहे।
- मास्क का इस्तेमाल करें।
- हाथों को साफ रखें, सेनिटाइजर कैरी करें।
- मुंह और नाक को ढकें।
नए वेरिएंट से कौन ज्यादा रिस्क में?
कोरोना का नया वेरिएंट सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर रहा है, लेकिन हांगकांग में बुजुर्ग इसकी चपेट में सबसे ज्यादा है। वहां मौत के आंकड़ों में भी बुजुर्गों की संख्या ज्यादा है। इसके अलावा, कम इम्यूनिटी वाले और वैक्सीनेशन न लेने वाले लोग भी इसके रिस्क में हैं।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।