Breast Cancer: दफ्तर से लेकर घर का बोझ उठाना जो बाखूबी जानती हैं उन्हें महिला कहा जाता है। मां, पत्नी और न जानें कितने रिश्तों से बंधी महिलाओं को जब अपनी सेहत का ध्यान रखना होता है तो कई जिम्मेदारियां उनके आड़े आ जाती हैं। परिवार की भले ही पूरी देखभाल कर लें, लेकिन जब खुद का कोई टेस्ट करवाना होता है तो वो पीछे हट जाती हैं। महिलाओं में होने वाली कई बीमारियां ऐसी भी हैं जिनके बारे में वो खुद बोलने या उसकी जांच से कतराती हैं। इनमें से एक बीमारी, स्तन कैंसर (Breast Cancer) है, जिसे लेकर आज के समय में भी जागरूकता की कमी है। महिलाओं में होने वाली ये सबसे गंभीर बीमारियों में से एक है, जिसका पता थर्ड स्टेज के आने पर चलता है।
महिलाओं के लिए जानलेवा बीमारियों में से एक ब्रेस्ट कैंसर के बारे में हमारे चैनल न्यूज24 की एंकर पलवी झा ने डॉक्टर समीर भाटी से बातचीत की है। डॉक्टर समीर भाटी ने ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण, इलाज और टेस्टिंग को लेकर कुछ खास जानकारी दी है। आइए इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जागरूकता जरूरत
हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर समीर भाटी का कहना है कि भारत में 70 से 80 प्रतिशत के करीब कैंसरों का पता थर्ड स्टेज पर चलता है। इनमें से एक स्तन कैंसर भी है, जिसे लेकर महिलाओं के बीच जागरूकता नहीं है। रूरल, अरब क्षेत्रों से लेकर मेट्रो पॉलिटिक्स सिटी में अभी भी महिलाएं ब्रेस्ट स्क्रिनिंग या अन्य तरह के ब्रेस्ट टेस्टिंग प्रोसेस से घबराती हैं। यहां तक की वीमेन हेल्थ चेकअप के लिए भी महिलाएं मना कर देती है।
स्तन कैंसर क्या है?
डॉक्टर समीर भाटी के अनुसार महिलाओं में 40 साल के बाद होने वाली बीमारियों में से एक स्तन कैंसर है, जो स्तनों में गांठ के रूप में होता है। हालांकि, ये कैंसर पुरुषों में भी हो सकता है, लेकिन महिलाओं में होने की संभावना ज्यादा रहती है। ज्यादातर मामलों में ब्रेस्ट के अंदर एक से ज्यादा गांठों के रूप में इसे महसूस किया जा सकता है। इन गांठों को स्तन के अंदर या उसके ऊपर या फिर नीचे के हिस्सों में महसूस किया जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण (Breast Cancer Symptoms)
- ब्रेस्ट के किसी भी भाग में असहनीय दर्द होना
- ब्रेस्ट के आकार में बदलाव आना
- निप्पल से दूध के अलावा अन्य तरल पदार्थ निकलना
- ब्रेस्ट में सूजन, दर्द, अकड़न महसूस होना
- अंडरआर्म में गांठ
- निप्पल लाल हो जाना
ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम कारक
- पीरियड्स पहले आ जाना
- शारीरिक रूप से सक्रिय न होना
- पारिवारिक इतिहास
- गर्भनिरोधक गोलियां
- एक्सरसाइज ना करना
- अनहेल्दी डाइट
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज
स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए मैमोग्राम, अल्ट्रासाउंड, बायोप्सी का इस्तेमाल किया जाता है। सही समय पर जानकारी हो जाए तो ब्रेस्ट कैंसर का इलाज और रोकथाम दोनों मुमकिन है। बचने के लिए डिएशन थेरेपी, ब्रेस्ट सर्जरी, दवाएं, हार्मोनल इंजेक्शन आदि शामिल हैं। हालांकि, इसका इलाज कई कारकों पर निर्भर करता है। इनमें कैंसर का स्टेज, मरीज की उम्र, स्थान, मानसिक स्वास्थ्य और मरीज की व्यक्तिगत पसंद शामिल है। 40 के बाद महिलाओं को अपने रूटीन मेडिकल चेकअप के साथ मेमोग्राम टेस्ट भी कराना चाहिए।
ब्रेस्ट कैंसर से बचने के उपाय
- वजन कंट्रोल में रखें
- अधिक मात्रा में शराब पीने से बचें
- धूम्रपान ना करें
विडियो के जरिए आप हमारी संवाददाता पल्लवी झा संग डॉ. समीर भाटी के जरिए भी ब्रेस्ट कैंसर को लेकर की गई बातचीत सुन सकते हैं।
Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।