---विज्ञापन---

गंभीर बीमारी होने से पहले लग सकेगा पता! करवाएं ये 6 ब्लड टेस्ट

Blood Tests: जब आपको कोई भी बीमारी होती है, तो उससे पहले डॉक्टर खून की जांच करवाने के लिए बोलते हैं, ताकि बीमारी का पता लगाया जा सके। आइए जानें ये टेस्ट जिनसे डायबिटीज से लेकर दिल की बीमारियों का भी पता लगाया जा सकता है।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Apr 10, 2024 12:33
Share :
blood test
खून की जांच Image Credit: Freepik

Blood Tests: अच्छी हेल्थ के लिए शरीर का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। आजकल हम इतने व्यस्त रहते हैं कि अपने काम के चक्कर में कई चीजों में आलस कर जाते हैं, जिनमें हम अपनी सेहत को लेकर लापरवाही करते हैं। अच्छी सेहत के लिए जरूरी है स्वस्थ रहना और बीमारियों से बचकर रहना है।

ऐसे में शरीर को लेकर बिल्कुल कोताही न बरतें और हर 6 महीने में कुछ जरूरी खून की जांच करवाएं। क्योंकि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे ही बीमारियां भी परेशान करती हैं। इसके लिए ब्लड टेस्ट आपके स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ बता सकता है। ये टेस्ट आपके शरीर के उन क्षेत्रों का संकेत दे सकते हैं, जिन पर आपको ध्यान देने की जरूरत है।

एक्सपर्ट एनुअल हेल्थ चेकअप के दौरान साल में कम से कम एक बार ब्लड टेस्ट कराना चाहिए। अगर आपको शुगर, ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी जैसी पहले से ही कोई समस्या है, तो हर तीन से छह महीने में खून की जांच करानी चाहिए।

कम्प्लीट ब्लड काउंट, मेटाबोलिक पैनल, लिपिड पैनल, थायराइड पैनल और विटामिन डी लेवल की जांच के लिए कुछ जरूरी ब्लड टेस्ट जो हर किसी को करना चाहिए।

कम्प्लीट ब्लड काउंट (Complete Blood Count)

कम्प्लीट ब्लड काउंट (CBC) शरीर में लाल और व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स को मापती है। यह खून की कमी यानी की एनीमिया और यहां तक कि ब्लड कैंसर जैसे संक्रमणों की पहचान करने में मदद करता है।

मेटाबॉलिक पैनल (Metabolic Panel) 

मेटाबॉलिक पैनल शुगर या प्रीडायबिटीज की जांच के लिए आपके शरीर के ग्लूकोज लेवल की जांच करता है। यह आपके किडनी और लिवर की हेल्थ के बारे में बताता है, जिसमें शरीर में पोटेशियम, सोडियम और कैल्शियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स भी शामिल हैं।

लिपिड पैनल (Lipid Profile)

इस ब्लड टेस्ट के लिए पहले से खाली पेट रहने की जरूरत होती है। लिपिड पैनल शरीर में घटते और बढ़ते कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के लेवल की जांच करता है। इससे दिल की बीमारियों के बढ़ते जोखिम का संकेत मिल सकते हैं।

कार्डियक बायोमार्कर (Cardiac Biomarkers)

कार्डियक बायोमार्कर टेस्ट से शरीर में एंजाइम के लेवल की जांच कर सकते हैं। ये एंजाइम प्रोटीन होते हैं जो शरीर को भोजन को तोड़ने और ब्लड क्लॉट जमाने जैसी अलग-अलग केमिकल प्रोसेस को पूरा करने में मदद करते हैं।

विटामिन डी का स्तर (Vitamin D Level)

विटामिन डी का लेवल हड्डियों से जुड़ी बीमारियों के शुरुआती संकेतों के बारे में बताने के लिए मदद करता है।

थायराइड का स्तर (Thyroid Level)

थायरॉयड टेस्ट से पता चलता है कि आपकी थायरॉयड ग्लैंड ज्यादा एक्टिव है या कम एक्टिव में है।

ये भी पढ़ें- कान के इंफेक्शन से बचने के लिए क्या करें?

ये भी पढ़ें- कहीं लाल तरबूज समझ आप तो नहीं खा रहे केमिकल? 

Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट से सलाह जरूर करें। News24 की ओर से किसी जानकारी को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।

First published on: Apr 10, 2024 12:33 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.