Vakri Shani ka Asar: देवशयनी एकादशी के दिन से चातुर्मास आरंभ हो जाता है। साल 2024 में देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को पड़ रही है। इस तारीख से शुरू हुआ चातुर्मास देवोत्थान एकादशी को समाप्त होता है, जो इस साल 12 नवंबर को है। बता दें, इस पूरी अवधि यानी सावन, भादो और आश्विन और कार्तिक माह में न केवल भगवान विष्णु सोए रहेंगे, बल्कि कर्मफल के स्वामी और न्याय के देवता शनिदेव भी वक्री रहेंगे। 30 जून, 2024 को वक्री हुए शनिदेव 15 नवंबर तक उल्टी चाल चलेंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, भगवान विष्णु की अनुपस्थिति में शनि के वक्री होने से देश-दुनिया और राशियों पर अशुभ प्रभाव होंगे। आइए जानते हैं, चातुर्मास में किन 3 राशियों के जातकों के जीवन पर वक्री शनि का सबसे अधिक असर होने की संभावना है।
चातुर्मास में वक्री शनि का राशियों पर असर
कर्क राशि
चातुर्मास में वक्री शनि का कर्क राशि के जातकों पर प्रतिकूल असर होने योग हैं। पैतृक संपत्ति से जुड़े विवाद शुरू हो सकते हैं। घर में कलह का वातावरण बना रहेगा। जीवन में उन्नति बाधित हो सकती है। लंबी यात्रा करने से बचें, दुर्घटना के योग बन रहे हैं। स्वास्थ्य समस्याएं, विशेषकर कमर और कमर के नीचे कोई समस्या पैदा हो सकती हैं। स्टूडेंट्स जातकों के जीवन में तनाव और मानसिक परेशानी बढ़ सकती है। व्यापार में धन हानि के योग हैं। कारोबारी यात्राओं में धन का दुरूपयोग हो सकता है।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के जीवन पर चातुर्मास में वक्री शनि नकारात्मक असर डाल सकते हैं। आपके स्वभाव में कठोरता और जिद्द बढ़ने की बढ़ने की संभावना है। किसी से झगड़ा होने की आशंका है, कोर्ट-कचहरी के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं। कारोबार में आर्थिक नुकसान होने के योग हैं। नौकरीपेशा जातकों की आय में कमी आ सकती है। जीवन के रहन-सहन स्तर में गिरावट आने की संभावना हैं। कर्ज में बढ़ोतरी हो सकती है। किसी मुद्दे को लेकर परिवार के सदस्यों में नाराजगी बढ़ेगी। लाइफ पार्टनर से भी मनमुटाव रहेगा।
मीन राशि
चातुर्मास में वक्री शनि मीन राशि के जातकों के लिए अलाभकारी साबित हो सकते हैं। आपकी फिजूलखर्ची बढ़ सकती है। यदि इस पर लगाम न लगाई गई, तो आर्थिक परेशानी बढ़ सकती है। पार्टनरशिप वाले व्यवसाय में नुकसान होने के योग हैं। बड़े भाई या बहन से संपत्ति से जुड़ा विवाद बढ़ सकता है, इस विवाद से मन खिन्न रहेगा। कोर्ट-कचहरी के चक्करों में भी पड़ सकते हैं। मनमुटाव के कारण लाइफ पार्टनर से दूरी बढ़ सकती है, जो अलगाव पैदा कर सकता है। वाणी पर पर नियंत्रण रखें, अनावश्यक न बोलने से रिश्ते मधुर हो सकते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।