Uttarkashi Avalanche: उत्तराखंड (Uttarakhand) के उत्तरकाशी (Uttarkashi) में अचानक बिगड़ा मौसम कई लोगों की जान पर बन आया है। यहां के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (Nehru Mountaineering Institute) की ओर से प्रशिक्षण के लिए गए पर्वतारोही (Mountaineer) दल के 28 सदस्य हिमस्खलन में फंस गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दो लोगों की मौत हो गई है। मरने वाले दोनों पर्वतारोही उत्तरकाशी के ही रहने वाले बताए जा रहे हैं। वहीं सीएम धामी ने सेना और वायु सेना से रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद मांगी है।
Info about 28 trainees of Nehru Mountaineering Institute being trapped following an avalanche in Draupadi's Danda-2 mountain peak has been received. Rapid, relief & rescue operations underway by the dist administration, NDRF, SDRF, Army & ITBP personnel: Uttarakhand CM PS Dhami pic.twitter.com/HVQoTxagk2
---विज्ञापन---— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 4, 2022
122 सदस्यों का दल गया था
उत्तरकाशी के भटवाड़ी में द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी पर नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के 122 सदस्यों को दल बेसिक और एडवांस प्रशिक्षण के लिए गया था। तभी अचानक मौसम खराब हो गया। उत्तरकाशी में हिमस्खलन हो गया। घटना की जानकारी होने पर उत्तराखंड प्रशासन, NDRF, SDRF और ITBP ने काफी लोगों का रेस्क्यू कर लिया, लेकिन 28 लोग अभी भी फंसे हुए हैं।
सीएम धामी ने रक्षामंत्री से की बात
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को फोन पर घटना की जानकारी दी है। साथ ही सेना और वायुसेना से हिमस्खलन में फंसे लोगों का रेस्क्यू करने के लिए मदद मांगी है। वहीं नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्राचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि द्रौपदी का डांडा क्षेत्र में प्रशिक्षण के दौरान हिमस्खलन हुआ है। इसमें दो प्रशिक्षकों की मौत हो गई है। जबकि कई घायलों को रेस्क्यू किया जा चुका है।
Defence Minister Rajnath Singh expresses grief at the incident, says "anguished by the lives lost" pic.twitter.com/VcAV7KcxDx
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 4, 2022
सरकार ने वायुसेना से किया संपर्क
उत्तराखंड सरकार ने वायुसेना से भी संपर्क किया है। जानकारी के मुताबिक वायुसेना के तीन हेलीकॉप्टर पहले रेकी करेंगे और फिर बचाव कार्य शुरू किया जाएगा। डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम कैंप के लिए रवाना हो गई है।
लगातार तीन बार हुआ हिमस्खलन
बता दें कि 10 दिन पहले भी केदारनाथ धाम के ठीक पीछे चौराबाड़ी ग्लेशियर के पास हिमखंड टूटने की घटना सामने आई थी। इसके बाद शनिवार को यानी 1 अक्टूबर को केदारनाथ धाम से 7 किलोमीटर पीछे दूसरी बार हिमस्खलन देखा गया। हालांकि इन दोनों हिमस्खलनों में कोई नुकसान नहीं हुआ। 22 सितंबर को मंदिर के पीछे भी हिमस्खलन हुआ था।
वैज्ञानिकों का दल लगातार कर रहा है निगरानी
लगातार हो रहे हिमस्खलन के अध्ययन के लिए देहरादून के वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों की पांच सदस्यीय टीम मौके पर पहुंची है। वहीं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) और एसडीआरएफ की टीमें भी डेरा डाले हुए हैं। टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं।