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Supreme Court का बड़ा फैसला, दिल्ली एम्स में होगी 20 साल की अविवाहित इंजीनियरिंग स्टूडेंट की डिलीवरी

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने गर्भवती इंजीनियरिंग स्टूडेंट की अबाॅर्शन वाली याचिका पर फैसला सुना दिया। कोर्ट ने कहा कि एम्स के डाॅक्टरों की एक टीम डिलीवरी कराएगी। जन्म के बाद बच्चे को एक फैमिली को गोद दे दिया जाएगा। उधर इस फैसले के बाद स्टूडेंट भी बच्चे को जन्म देनेे के लिए तैयार हो गई। […]

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Feb 5, 2023 08:09
Free Speech Case

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने गर्भवती इंजीनियरिंग स्टूडेंट की अबाॅर्शन वाली याचिका पर फैसला सुना दिया। कोर्ट ने कहा कि एम्स के डाॅक्टरों की एक टीम डिलीवरी कराएगी। जन्म के बाद बच्चे को एक फैमिली को गोद दे दिया जाएगा। उधर इस फैसले के बाद स्टूडेंट भी बच्चे को जन्म देनेे के लिए तैयार हो गई।

प्रेग्नेंसी के बारे में 7 महीने बाद चला पता

बता दें कि कुछ समय पहले 20 साल की इंजीनियरिंग स्टूडेंट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अबाॅर्शन की इजाजत मांगी थी। युवती ने बताया कि उसे प्रेग्नेंसी के बारे में 7 महीने बाद पता चला। उसने कहा कि मेरी शादी नहीं हुई है, इसीलिए उसका परिवार बच्चे को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।

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सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर एम्स के डाॅक्टरों की सलाह मांगी थी। डाॅक्टरों की टीम ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देते हुए कहा था कि गर्भ 29 सप्ताह से ज्यादा का हो चुका है, इसलिए अबाॅर्शन करना जायज नहीं होगा।

सीजेआई ने अपने चेंबर में 40 मिनट तक की चर्चा

सीजेआई ने गुरुवार सुबह 11 बजे इस मामले से जुड़े सभी स्टेकहाॅल्डर को अपने चेंबर में बुलाया। 40 मिनट तक हुई चर्चा में बेंच में शामिल तीनों जज अबाॅर्शन न कराने के पक्ष में थे। इस दौरान एसजी तुषार मेहता ने कहा कि वह भी एक बार बच्चा गोद लेना चाहते हैं और अनाथ बच्चे सबकी जिम्मेदारी हैं।

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एसजी तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि एक दंपत्ति बच्चे को गोद लेने के लिए तैयार है। सीजेआई ने कहा कि यह प्रक्रिया पूरी तरह गुप्त रखी जाए। सीजेआई ने कहा कि उन्हाेंने स्वंय इस मामले में घर पर चर्चा की थी।

First published on: Feb 05, 2023 08:09 AM

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