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Sawan Pradosh Vrat: 31 चावल के दाने का महाउपाय, कभी नहीं होगी धन की कमी, शोहरत चूमेगी कदम

Sawan Pradosh Vrat: गुरुवार 1 अगस्त, 2024 को सावन का पहला प्रदोष व्रत है। भगवान शिव के प्रिय सावन के महीने का प्रदोष व्रत होने के कारण यह व्रत विशेष महत्वपूर्ण है। इस पावन दिन को कुछ खास उपाय करने से महादेव की कृपा से सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी हो जाती हैं। आइए जानते हैं, यह उपाय क्या है और इसे कैसे करें?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Aug 1, 2024 09:00
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Sawan Pradosh Vrat: भगवान शिव को प्रिय सावन के महीने का हर पल, हर समय और हर दिन महत्वपूर्ण है। हिन्दू पंचांग के मुताबिक सावन के महीने का पहला प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि यानी 1 अगस्त, 2024 को है। कृष्ण पक्ष में पड़ने के कारण इसे श्रावण कृष्ण त्रयोदशी भी कहते हैं। बता दें, प्रदोष का अर्थ होता है संध्या का समय और मान्यता के अनुसार, इस समय महादेव शिव की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है।

मान्यता है कि सावन प्रदोष व्रत के दिन किए गए खास उपायों से जिंदगी की सभी परेशानियां, दुःख, कष्ट और मुश्किलें खत्म हो जाती हैं। जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और शोहरत में सदैव वृद्धि होती है। आइए जानते है, चावल के 31 दाने का एक महाउपाय, जिसे करने से सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी हो जाती हैं, घर में कभी धन की कमी नहीं होती है और मान-सम्मान में वृद्धि होती है।

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कौन-सा समय है उपयुक्त?

चावल के 31 दाने का महाउपाय सावन प्रदोष व्रत के दिन सुबह सूर्योदय होने के बाद और शाम के प्रदोष काल तक समय में कभी भी कर सकते हैं। लेकिन प्रदोष व्रत से जुड़ा उपाय है, तो इसे शाम में प्रदोष काल में मुहूर्त के मुताबिक़ सबसे बढ़िया होता है।

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कौन कर सकते हैं ये उपाय?

इस महाउपाय को घर की बुजुर्ग माता या बहन को ही करनी चाहिए, तब यह महाउपाय विशेष फलदायी सिद्ध होता है। लेकिन इसका अर्थ नहीं है कि और लोग इस उपाय को नहीं कर सकते हैं। श्रद्धा भाव और पूरी निष्ठा से कोई भी जातक (व्यक्ति) इस उपाय को प्रदोष व्रत के दिन कर सकते हैं।

अपनाएं ये सावधानियां

शास्त्रों के मुताबिक, इस उपाय को करने में कुछ विशेष सावधानियां भी रखनी अनिवार्य है। सबसे पहली बात यह कि भगवान शिव को यह प्रतीत नहीं हो कि आप केवल चावल के 31 दाने का महाउपाय करने उनके दरबार पहुंचे हैं। इसलिए सामान्य तौर पर जैसे मंदिर में शिव पूजा करने जाते हैं, उसी प्रकार जल, बेलपत्र, धूप, दीपक, फल-फूल, मिष्टान्न और चढ़ावा लेकर जाएं। दूसरी सावधानी यह रखनी है कि यह उपाय केवल मंदिर में ही किया जा सकता है, घर पर नहीं, वरना इसका फल प्राप्त नहीं होगा।

इस विधि से करें ये उपाय

  • सबसे पहले मंदिर में भगवान शिव के दिव्य रूप शिवलिंग की विधिवत पूजा करें। जलाभिषेक के बाद एक-एक सभी पूजा सामग्रियां शिवजी को अर्पित करें। सबसे अंत में बेल पत्र चढ़ाएं।
  • यदि आप यह उपाय सुबह कर रहे हैं, तो जलाभिषेक के बाद और सभी पूजा सामग्रियों को चढ़ाने के बाद चावल के 31 दाने के उपाय को करें। चावल के एक-एक दाने को बारी-बारी से शिवलिंग के ऊपर चढ़ाएं।
  • यदि आप यह महाउपाय शाम में कर रहे हैं, तो जलाभिषेक करने की जरुरत नहीं है। केवल गाय के घी का दीपक जलाएं और भगवान को भोग लगाने के बाद चावल के सभी दाने को बारी-बारी से शिवलिंग के ऊपर अर्पित करें।
  • जब चावल के दाने अर्पित कर रहे हों, तो ‘श्री शिवाय नमस्तुभ्यं‘ मंत्र के उच्चारण के बाद ही प्रत्येक चावल को एक-एक कर शिवलिंग पर अर्पित करें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Written By

Shyam Nandan

Edited By

Shyam Nandan

First published on: Jul 31, 2024 04:38 PM

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