Thursday, 25 April, 2024

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C-295 Aircraft: पीएम मोदी ने सी-295 विमानों के लिए गुजरात संयंत्र की रखी आधारशिला, जानिए एयरक्राफ्ट की खासियत

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को टाटा-एयरबस कंसोर्टियम की निर्माण सुविधा की आधारशिला रखी। यह निजी क्षेत्र में देश की पहली विमान निर्माण सुविधा है और इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। इस प्लांट में देश का पहला मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट बनकर तैयार […]

Edited By : Gyanendra Sharma | Updated: Oct 31, 2022 12:33
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को टाटा-एयरबस कंसोर्टियम की निर्माण सुविधा की आधारशिला रखी। यह निजी क्षेत्र में देश की पहली विमान निर्माण सुविधा है और इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। इस प्लांट में देश का पहला मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट बनकर तैयार होगा। उद्देश्य भारतीय वायु सेना (IAF) के बेड़े का आधुनिकीकरण करना है। परियोजना की कुल लागत लगभग ₹21,935 करोड़ बताई गई है।

पिछले साल सितंबर में सरकार ने IAF के एवरो -748 को बदलने के लिए 56 C-295 विमान खरीदने के लिए एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ लगभग 21,000 करोड़ का सौदा किया। इनमें से 16 की डिलीवरी एयरबस द्वारा फ्लाई-अवे कंडीशन में की जाएगी और बाकी को भारत में बनाया जाएगा।

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C-295 Aircraft एयरक्राफ्ट की खासियत

– C-295 दुनिया भर में सभी मौसमों में उड़ान भर सकता है। बेहद गर्म से लेकर बेहद ठंडे तापमान तक सभी मौसमों में युद्ध अभियानों में नियमित रूप से दिन-रात काम कर सकती है।
– इस एयरक्राफ्ट को छोटे रनवे से भी टेक-ऑफ कराया जा सकता है।
-एयरक्राफ्ट को कई रूपों में बदला जा सकता है, जिसमें एक वाटर बॉम्बर, एक एयर टैंकर, वीआईपी के परिवहन और चिकित्सा निकासी के लिए शामिल है।
-इसकी पे-लोड क्षमता 10,000 किग्रा तक है जिसका मतलब है कि विमान लगभग 10 टन का वजन लेकर उड़ान भर सकता है।
-विमान में 70 सैनिक ट्रूप्स, 50 पैराट्रूपर्स और 5 पैलेट की भार क्षमता है।
-विमान लगातार 11 घंटों तक उड़ान जारी रख सकता है।
-C-295 विमान को VIP ट्रांस्‍पोर्ट, मेडिकल एग्जिक्‍यूशन, सैन्य संचालन, हवा से हवा में ईंधन भरने के साथ-साथ नागरिक और मानवीय मिशन के लिए कॉन्फ़िगर किया जा सकता है।

-इस एयरक्राफ्ट का फ्यूल टैंक का फी बड़ा है। यह 3 अतिरिक्त फ्यूल टैंक, एक ऑपरेटर कंसोल और 100 फीट लंबी होज़ ड्रम यूनिट से लैस है।

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सौदे की शर्तों के तहत, 16 सी-295 विमान सितंबर 2023 से अगस्त 2025 के बीच उड़ान भरने की स्थिति में होंगे। जबकि शेष 40 विमान वडोदरा सुविधा में निर्मित किए जाएंगे। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया, एयरक्राफ्ट के निर्माण में 96 हिस्सेदारी भारत की होगी।

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First published on: Oct 30, 2022 03:28 PM

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