BJP MP Disqualification: मानहानि मामले में अपनी दोषसिद्धि पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता आज फिर से बहाल हो गई। राहुल गांधी करीब 136 दिनों बाद लोकसभा में पहुंचे। उधर, भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया को शनिवार को आगरा की एक कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई। कोर्ट के इस फैसले के बाद भाजपा सांसद और केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर है।
दरअसल, नवंबर 2011 में बिजली कंपनी के कर्मचारियों की पिटाई के मामले में 5 अगस्त को आगरा की एक अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कठेरिया को दो साल जेल की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 147 और 323 के तहत दोषी पाया है। बता दें कि रामशंकर कठेरिया उत्तर प्रदेश के इटावा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के सांसद हैं।
यह भी पढ़ें: राहुल गांधी पहुंचे संसद, ‘INDIA’ सांसदों ने किया स्वागत; ट्विटर बायो अपडेट कर लिखा- ससंद सदस्य
दो साल या उससे अधिक की सजा पर खत्म होती है सदस्यता
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार, किसी भी अपराध के लिए दो साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले निर्वाचित जन प्रतिनिधि को तत्काल अयोग्यता का सामना करना पड़ता है। यह वही प्रावधान है जिसके तहत मानहानि के आरोप में गुजरात की एक अदालत में दोषी ठहराए जाने और दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी को सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
कठेरिया को अयोग्य घोषित करने में देरी क्यों?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोकसभा सचिवालय ने कहा कि उसे नवंबर 2011 के मामले में आगरा की अदालत की ओर से कठेरिया को दोषी ठहराए जाने और दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने की कोई खबर नहीं मिली है।
सूत्रों के मुताबिक, अदालत के आदेश की प्रति सोमवार दोपहर तक आने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि कोर्ट का आदेश मिलते ही लोकसभा सचिवालय कठेरिया की सदस्यता रद्द करने का नोटिस जारी करेगा।
यह भी पढ़ें: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता हुई बहाल, लोकसभा सचिवालय ने जारी की अधिसूचना
उधर, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमल नाथ ने इस बात पर जोर दिया कि कठेरिया को अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कठेरिया को जिस मामले में सजा मिली है, वे राहुल गांधी पर लगाए गए आरोपों से भी ज्यादा गंभीर है।
कमल नाथ ने कहा कि कानून सबके लिए बराबर है। अब राहुल गांधी के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। उन्होंने (कठेरिया) जो किया और राहुल गांधी ने जो किया है, उसमें बहुत बड़ा अंतर है।
अखिलेश ने पूछा- कितनी जल्दी खत्म करेंगे सदस्यता
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कठेरिया की सजा को लेकर भाजपा पर कटाक्ष किया और सवाल किया कि वह कितनी जल्दी उनकी पार्टी के सांसद की सदस्यता निलंबित कर देगी। उन्होंने कहा कि ‘विपक्षी दलों के सांसदों और विधायकों की सदस्यता छीनने की साजिश करते-करते अब बीजेपी खुद ही इसकी शिकार बन गई है। अब देखते हैं कि वह कितनी जल्दी अपने सांसदों की सदस्यता निलंबित करती है।
भाजपा विपक्ष के सांसदों और विधायकों की सदस्यता छीनने का षड्यंत्र करते-करते अब ख़ुद इसका शिकार हो गयी है। अब देखते हैं वो कितनी जल्दी अपने सांसद की सदस्यता को बर्ख़ास्त करती है और कितनी जल्दी अन्य की सदस्यता बहाल करती है।
भाजपा की साज़िश का अब पर्दाफ़ाश हो गया है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 7, 2023
बता दें कि 24 मार्च को, राहुल गांधी को लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। 23 मार्च को गुजरात के सूरत की एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने उन्हें मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद 4 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी, जिससे केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद के रूप में उनकी बहाली का रास्ता साफ हो गया। 7 अगस्त को राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता को बहाल कर दिया गया।
कौन हैं राम शंकर कठेरिया?
21 सितंबर 1964 को उत्तर प्रदेश के इटावा के नगरिया सरावा गांव में जन्मे रामशंकर कठेरिया केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने 6 जुलाई, 2016 तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष हैं। 2019 में इटावा लोकसभा सीट से चुने जाने से पहले उन्होंने आगरा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था।
फैसले के बावजूद, कठेरिया ने अपनी बेगुनाही बरकरार रखी है और दावा किया है कि आरोप राजनीति से प्रेरित थे। उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के समय उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सत्ता में थी और उनके खिलाफ कई झूठे मामले दर्ज किये गये थे। उन्होंने कहा कि वह फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील दायर करने की योजना बना रहे हैं।
पहले भी विवादों में रह चुके हैं कठेरिया
2009 में आगरा में हाई कोर्ट बेंच की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए राजा मंडी रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन रोकने के लिए रेलवे सुरक्षा बल द्वारा कठेरिया के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
2010 में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में बीजेपी नेता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद आगरा में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी और पुलिस को गोलियां चलानी पड़ी थीं।
जनवरी 2011 में कठेरिया ने बिना अनुमति के आगरा कलक्ट्रेट में धरना दिया था और उस मामले में उनके खिलाफ आपराधिक आरोप दायर किए गए थे।
कुछ चुनिंदा मामले, जानें कितने दिनों में गई किसकी सदस्यता?
लालू यादव : चारा घोटाला मामले में सजा सुनाए जाने के 22 दिन बाद सदस्यता खत्म हो गई थी।
रशीद मसूद : एमबीबीएस सीट घोटाले में कांग्रेस सांसद की सदस्यता 20 जिन में गई थी।
राहुल गांधी : मोदी सरनेम मानहानि मामले में दोषी पाए जाने के बाद 24 घंटे में सदस्यता गई थी।
मोहम्मद फैसल: लक्ष्यद्वीप के सांसद को हत्या के प्रयास के लिए दोषी ठहराया। उनकी सदस्यता 2 दिनों बाद समाप्त कर दी।
अनंत सिंह : बिहार आरजेडी के पूर्व विधायक को आर्म्स एक्ट के मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई थी। 24 दिनों बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी।
विक्रम सैनी : यूपी की खतौली से विधायक को अक्टूबर 2022 में 2 साल की सजा सुनाई गई थी। सजा के 23 दिन बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी।
अनिल कुमार सहनी : आरजेडी विधायक को सितंबर, 2022 में धोखाधड़ी के मामले में 3 साल की सजा सुनाई गई थी। दोषी ठहराए जाने के तकरीबन 40 दिन बाद उनकी सदस्यता रद्द की गई थी।
कुलदीप सिंह सेंगर : यूपी की बांगरमऊ सीट से बीजेपी विधायक को दिसंबर 2019 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई। 2 महीने से ज्यादा समय बाद उनकी सदस्यता रद्द की गई।
जयललिता : आय से अधिक संपत्ति मामले में सितंबर 2014 को पूर्व मुख्यमंत्री को 4 साल की सज़ा सुनाई गई थी। करीब सवा महीने बाद उनकी सदस्यता रद्द हुई थी।
राहुल गांधी की चार महीने बाद, मोहम्मद फैजल की 55 दिनों बाद सदस्यता बहाल
लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैज़ल के मामले में 25 जनवरी को केरल हाई कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद लोकसभा सचिवालय से हाई कोर्ट के आदेश के आधार पर उनकी सदस्यता 55 दिनों बाद बहाल की थी।
मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट से रोक के बाद करीब 4 महीनों के बाद उनकी सदस्यता फिर से बहाल की गई।