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शरद पवार की NCP में बड़ी टूट, अजित पवार ने दूसरी बार की बगावत, जानें चाचा से कैसे बिगड़ी बात

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में बड़ी सियासी उठापठक हुई। शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में टूट हुई है। महाराष्ट्र के नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा देकर अजित पवार शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं। अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। अजित पवार ने विधायकों के साथ की थी बैठक दरअसल, […]

Edited By : Arpit Pandey | Updated: Jul 2, 2023 14:36
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ajit pawar sharad pawar
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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में बड़ी सियासी उठापठक हुई। शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में टूट हुई है। महाराष्ट्र के नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा देकर अजित पवार शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं। अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।

अजित पवार ने विधायकों के साथ की थी बैठक

दरअसल, आज सुबह सबसे पहले एनसीपी नेता अजित पवार ने अपने समर्थक विधायकों के साथ बैठक की। खास बात यह है कि इस बैठक में एनसीपी की कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल भी शामिल थे। बैठक के बाद अजित पवार अपने समर्थकों के साथ राजभवन पहुंचे और उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा देते हुए अपने समर्थक विधायकों का शिंदे सरकार को समर्थन देने का लेटर महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैंस को सौंपा।

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यहां से हुई बगावत की शुरुआत

दरअसल, कुछ दिनों पहले एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन समर्थकों की मांग पर उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया। बाद में शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल पटेल को एनसीपी का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था। जिसके बाद से ही अजित पवार नाराज नजर आ रहे थे। लेकिन अब उन्होंने बड़ा फैसला लेते हुए नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा देकर महाराष्ट्र की शिंदे सरकार को समर्थन दे दिया। जिसके बाद उन्हें सरकार में उपमुख्यमंत्री बना दिया गया। अजित पवार के साथ उनके समर्थक 9 विधायकों को भी मंत्री बनाया गया।

2019 में भी की थी बगावत

अजित पवार ने पहली बार बगावत नहीं की है। बल्कि जब से महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी का गठबंधन हुआ था। उसके बाद से ही खुश नहीं थे। 2019 में उन्होंने अचानक से बीजेपी को समर्थन दे दिया था। तब देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। लेकिन तब शरद पवार ने इस बगावत को रोक लिया था। उन्होंने 48 घंटे में ही सब विधायकों को एकजुट कर लिया था। जिसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

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महाविकास अघाड़ी सरकार में बने थे उपमुख्यमंत्री

हालांकि बाद जब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनी तो उसमें अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। तब इसे शरद पवार का मास्टर स्ट्रोक माना गया था। लेकिन बाद में जब उद्धव सरकार गिरी तो अजित पवार नेता प्रतिपक्ष बने थे। लेकिन अब वह फिर से शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री बने हैं।

चाचा के फैसले से खुश नहीं थे अजित पवार

बताया जा रहा है कि अजित पावर अपने चाचा के सु्प्रिया सुले और प्रफुल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के फैसले से खुश नहीं थे। इसके अलावा सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा भी चलती रहती है कि वह महाविकास अघाड़ी के साथ गठबंधन को लेकर नाखुश थे। यही वजह थी कि नेता प्रतिपक्ष होते हुए भी वह कई मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी की तारीफ कर चुके थे। उन्होंने मोदी को करिश्माई नेता बनाया था।

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Written By

Arpit Pandey

First published on: Jul 02, 2023 02:33 PM

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