Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में 2019 में विधानसभा चुनाव के नतीओं के बाद सियासत तेजी से बदलती रही है। पहले देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शपथ ली। फिर 48 घंटे के बाद उनका इस्तीफा हुआ और शिवेसना+एनसीपी+कांग्रेस के समर्थन से उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बने, उनकी सरकार में भी अजित पवार फिर उपमुख्यमंत्री बने थे। बाद में उद्धव सरकार गिरी और शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री और बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने, जबकि अब इस सरकार को अजित पवार ने भी समर्थन दिया और वह उपमुख्यमंत्री बने हैं। ऐसे में महाराष्ट्र विधानसभा का सियासी गणित जानना भी जरूरी हो जाता है।
पहले जानिए 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजे
- बीजेपी 105
- शिवसेना 56
- एनसीपी 54
- कांग्रेस 44
- निर्दलीय+अन्य पार्टियां 29
पहला सियासी ड्रामा
साल 2019 का विधानसभा चुनाव बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर लड़ा था। दोनों ने मिलकर 161 सीटें हासिल की थीं। जिसमें बीजेपी को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली थी। लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों का गठबंधन टूट गया। इसके बाद बीजेपी और एनसीपी ने मिलकर महाराष्ट्र की सरकार बनाई थी। देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री और अजित पवार उपमुख्यमंत्री बने थे। तब बीजेपी के 105 और एनसीपी के विधायकों के समर्थन का दावा राज्यपाल के सामने किया गया था। लेकिन विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले ही देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफा दे दिया।
शिवसेना+एनसीपी+कांग्रेस ने बनाई सरकार
देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे के बाद शिवसेना+एनसीपी+कांग्रेस ने गठबंधन किया और महाविकास अघाड़ी गठबंधन के नाम से सरकार बनाई। तब शिवसेना के 56, एनसीपी के 54, कांग्रेस के 44 विधायकों कुछ और दलों व निर्दलियों के साथ मिलकर सरकार बनी और शिवसेना के उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने और एनसीपी के अजित पवार उपमुख्यमंत्री बने। जबकि कांग्रेस कुछ विधायक भी सरकार में मंत्री बने थे।
उद्धव सरकार गिरी शिदें सरकार बनी
2022 में महाराष्ट्र में सबसे बड़ी सियासी हलचल हुई। उद्धव ठाकरे की शिवसेना में बगावत हुई और सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे 40 विधायकों के साथ सरकार से बाहर हो गए। जिससे उद्धव सरकार अल्पमत में आ गई और उद्धव ठाकरे ने बहुमत साबित करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद एकनाथ शिंदे समर्थक 40 विधायक और बीजेपी के 105 विधायकों के अलावा कुछ निर्दलीय और अन्य पार्टियों के समर्थन से सरकार बनी। जिसमें एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने। इस तरह राज्य में एक बार फिर एनडीए की सरकार बन गई।
अजित पवार अब शिदें सरकार में उपमुख्यमंत्री
एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद एनसीपी विपक्ष में बैठी थी, अजित पवार नेता प्रतिपक्ष बने थे। लेकिन 2022 के बाद अब ठीक एक साल बाद 2023 में अजित पवार शिदें सरकार में उपमुख्यमंत्री बन गए। यानि अब महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे गुट+बीजेपी+अजित पवार (NCP) की सरकार महाराष्ट्र में हैं।
जानिए वर्तमान विधायकों को गणित
- बीजेपी के 105 विधायक
- शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट के 44 विधायक)
- शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट के 12 विधायक)
- कांग्रेस के 44 विधायक
- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) 53 विधायक
- निर्दलीय+अन्य पार्टियां 28 विधायक
वहीं बात अगर एनसीपी की जाए तो राज्य में फिलहाल एनसीपी के 53 विधायक हैं। जिनमें अजित पवार का दावा है कि उनके साथ सभी विधायक हैं। उनका पार्टी पर भी दावा है। जबकि शरद पवार ने जनता के बीच जाने की बात कही है। यानि उन्होंने भी यह स्पष्ट नहीं किया है कि उनके साथ कितने विधायक हैं। ऐसे में अब विधानसभा के सत्र में यह स्थिति क्लीयर होने की स्थिति हैं कि कितने विधायक अजित पवार के साथ हैं और कितने शरद पवार के साथ हैं।