जालोर: राजस्थान के जालोर जिले में टीचर की पिटाई से दलित बच्चे की मौत के मामले में सोमवार को बारां जिले की अटरू विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने इस्तीफा दे दिया। मीडिया में दिए बयान में उन्होंने कहा कि “जालौर में 9 वर्षीय दलित छात्र की मौत से मैं बहुत आहत हूं। मैं अपना इस्तीफा दे रहा हूं।
Rajasthan | Congress MLA Panachand Meghwal resigns from Atru assembly seat in Baran dist
---विज्ञापन---"I'm deeply hurt by the death of 9-yr-old Dalit student in Jalore & I'm tendering my resignation. Dalits & deprived communities are being subjected to constant atrocities & torture," he said pic.twitter.com/v3X4XKoE2z
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) August 15, 2022
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आगे विधायक बोले की दलितों और वंचित समुदायों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं।” इससे पहले रविवार को इस मामले में बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने एक के एक बाद लगातार दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘राजस्थान के जालौर जिले के सुराणा में प्राइवेट स्कूल के 9 साल के दलित छात्र द्वारा प्यास लगने पर मटके से पानी पीने पर सवर्ण जाति के जातिवादी सोच के शिक्षक ने उसे इतनी बेरहमी से पीटा कि कल उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। इस हृदय विदारक घटना की जितनी निन्दा व भर्त्सना की जाए वह कम।’ इसके बाद दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘ राजस्थान में आए दिन ऐसी जातिवादी दर्दनाक घटनाएं होती रहती हैं। इससे स्पष्ट है कि सरकार वहां खासकर दलितों, आदिवासियों व उपेक्षितों आदि के जान व इज्जत-आबरू की सुरक्षा करने में नाकाम है। अतः इस सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाये तो बेहतर।’
यह है मामला
राजस्थान के जालोर जिले के सुराणा में 20 जुलाई को तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र इंद्र मेघवाल को प्यास लगी थी। स्कूल में उसने पानी का मटका छू लिया था, जिस पर टीचर छैल सिंह ने उसे पीट दिया। आरोप है कि टीचर ने बच्चे की इतनी पिटाई लगा दी कि वह गंभीर रूप से घायल हो गया। आनन-फानन में बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 13 अगस्त को उसकी मौत हो गई। अस्पताल में भर्ती बच्चे का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। बच्चे की मौत के बाद परिजनों समेत अन्य लोगों में आक्रोश फैल गया। प्रशासन के अधिकारी पीड़ित परिवार वालों से बातचीत करने के लिए गांव पहुंचे थे। कई सामाजिक संगठन भी पीड़ित परिवार के साथ खड़े हो गए हैं। इस कारण सामाजित संगठनों-परिजनों की प्रशासन से झड़प भी हो गई।
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