केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जानकारी दी है कि साल 2018 से 2020 तक धार्मिक भावनाओं को आहत करने के अलावा धर्म, नस्ल और जन्म स्थान के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में कुल 4,794 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 1,716 लोगों को 2018 में, 2019 में 1,315 और 2020 में 1,763 लोगों को गिरफ्तार किया गया। तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती की ओर से एक लिखित सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने ये जानकारी दी।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में से उत्तर प्रदेश में इन तीन वर्षों में सबसे अधिक 628 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद तमिलनाडु में 613, केरल में 552, आंध्र प्रदेश में 387 गिरफ्तारियां हुई हैं।
उत्तर-पूर्वी राज्यों में ऐसे मामलों की संख्या काफी कम
नित्यानंद राय ने बताया कि ऐसे मामलों में गिरफ्तारियों की संख्या उत्तर-पूर्वी राज्यों में बहुत कम थी। असम ने 351 गिरफ्तारियों की सूचना दी, जबकि मणिपुर से 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया। तेलंगाना, गुजरात और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों में भी बड़ी संख्या में मामले सामने आए। गोवा उन राज्यों में से एक था जहां 2018 और 2020 के बीच समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आधार पर केवल दो गिरफ्तारियां दर्ज की गईं। इन तीन वर्षों में जम्मू-कश्मीर में कुल 34 गिरफ्तारियां हुईं, जबकि 31 ऐसी गिरफ्तारियां दिल्ली से की गईं।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से जारी आंकड़ों को शेयर करते हुए नित्यानंद राय ने बताया कि इस मामले में लद्दाख, पुडुचेरी, लक्षद्वीप और चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेशों से एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने भी दर्ज किए हैं मामले
राय ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2017 से 29 जुलाई, 2022 के बीच धार्मिक भावनाओं को आहत करने और दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में 17 मामले दर्ज किए। इन 17 मामलों में से एनआईए ने 2017 में एक मामला, 2018 में चार, 2019 में दो, 2020 और 2021 में तीन-तीन और इस साल 29 जुलाई तक चार मामले दर्ज किए।