नई दिल्ली: ज्ञानवापी मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए अगले आदेश तक संरक्षण जारी रखने की बात कही है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर के क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ा दी, जहां सर्वेक्षण के दौरान एक “शिवलिंग” पाया गया था। सुरक्षा अदालत के अगले आदेश तक बढ़ा दी गई है।
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12 नवंबर को समाप्त होने वाले संरक्षण के अंतरिम आदेश के साथ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने गुरुवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़ से अनुरोध किया था कि वह पहले के आदेश को जारी रखने के लिए अपने आवेदन की सुनवाई के लिए तत्काल तिथि प्रदान करें।
फिलहाल मस्जिद में केंद्रीय बलों की तैनाती है और उसका संरक्षण किया जा रहा है ताकि उसके स्वरूप से कोई छेड़छाड़ न हो सके और यथास्थिति बनी रहे। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया, ‘सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग मिलने वाली जगह को सील रखे जाने के फैसले को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया है। अदालत ने मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर अर्जी पर जवाब देने के लिए हमें तीन सप्ताह का वक्त दिया है।
मस्जिद प्रबंधन समिति ने आवेदन में हिंदू महिलाओं के मुकदमे को बनाए रखने और पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के उल्लंघन के आधार पर खारिज करने की मांग की गई थी। हालांकि दीवानी अदालत ने 12 सितंबर को मस्जिद प्रबंधन समिति की याचिका को खारिज कर दिया और आगे बढ़ने का फैसला किया।
बता दें कि 5 महिलाओं ने 2021 में श्रृंगार गौरी में पूजा के लिए याचिका डाली थी। इस पर सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने एक कमिश्नर नियुक्त कर सर्वे कराने का आदेश दिया। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया कि हमें शिवलिंग मिल गया है। वहीं मुस्लिन पक्ष का कहना है जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है वो दरअसल एक फव्वारा है।
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