---विज्ञापन---

Religion

Chanakya Niti: बच्चों की परवरिश में ये 5 गलतियां माता-पिता को बना देती हैं असफल

Chanakya Niti: क्या केवल चाहने से बच्चा सफल बनता है? चाणक्य नीति कहती है कि बच्चों की परवरिश सिर्फ पालन-पोषण नहीं, एक जिम्मेदारी और तपस्या है। आइए जानते हैं, वे 5 बड़ी गलतियां क्या है, जिनसे माता-पिता को हर हाल में बचना चाहिए?

Author Written By: Shyamnandan Author Published By : Shyamnandan Updated: Oct 21, 2025 14:05
Chanakya-NITI-child-care-tips

Chanakya Niti: हर माता-पिता की ये ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा आगे चलकर परिवार का नाम रोशन करे। लेकिन क्या सिर्फ चाहने से ऐसा हो जाता है? आचार्य चाणक्य के अनुसार, बच्चों की परवरिश में अगर सही दिशा और संस्कार न दिए जाएं, तो बच्चा अपने रास्ते से भटक सकता है। चाणक्य नीति में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि परवरिश केवल पालन-पोषण नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी और तपस्या है। आइए जानते हैं वे 5 आम गलतियां, जो अच्छे माता-पिता को भी असफल बना देती हैं।

घर का माहौल अशांत रखना

चाणक्य कहते हैं कि बच्चा वही सीखता है जो वह देखता है। अगर घर में लड़ाई-झगड़े, ऊंची आवाज़ और तनाव का माहौल होगा, तो बच्चा भी वैसा ही व्यवहार सीखेगा। यदि आप चाहते हैं कि बच्चा शांत, समझदार और संतुलित बने, तो घर का माहौल भी वैसा ही होना चाहिए।

---विज्ञापन---

असम्मानजनक व्यवहार करना

बच्चे अपने माता-पिता की हर बात, हर व्यवहार को कॉपी करते हैं। अगर माता-पिता एक-दूसरे से लड़ते हैं, कड़वी भाषा बोलते हैं या अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, तो बच्चा भी यही सीखता है। घर में आपसी सम्मान, मधुर भाषा और विनम्रता दिखाएं। यही संस्कार बच्चे में उतरते हैं।

ये भी पढ़ें: Bhai Dooj 2025: जब भाई नहीं हो पास तो कैसे मनाएं ‘भाई दूज’, अपनाएं ये उपाय; होगी अकाल मृत्यु से रक्षा

---विज्ञापन---

तुलना न करें

हर बच्चा अलग होता है – उसकी क्षमता, रुचि और सोच भी। लेकिन माता-पिता अक्सर दूसरों के बच्चों से तुलना कर अपने बच्चे को नीचा दिखा देते हैं। यह आदत बच्चे में हीन भावना भरती है और उसका आत्मविश्वास कमजोर कर देती है। तुलना नहीं, समझ और समर्थन दें।

बच्चे की प्रतिभा को नजरअंदाज करना

कई बार माता-पिता अपने सपनों को बच्चों पर थोपते हैं और उनकी वास्तविक रुचियों को अनदेखा कर देते हैं। अगर बच्चा किसी खास क्षेत्र में रुचि या दक्षता दिखा रहा है, तो उसे प्रोत्साहन दें। यही उसकी सफलता की राह बन सकती है।

कर्तव्य से नहीं, मजबूरी से पालन-पोषण करना

चाणक्य नीति कहती है कि बच्चों की परवरिश को बोझ नहीं, बल्कि एक तपस्या की तरह देखें। जब माता-पिता अपना कर्तव्य पूरी निष्ठा से निभाते हैं, तभी बच्चों की नींव मजबूत होती है। बच्चों की देखभाल केवल खाना, कपड़े या स्कूल भेजना नहीं, बल्कि उनके विचारों और भावनाओं को समझना भी है।

ये भी पढ़ें: Puja Ghar Vastu: गलत दिशा, गलत मूर्ति; जानें कैसे पूजा घर की गलतियां बना देती है कंगाल

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Oct 21, 2025 02:05 PM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.