नई दिल्ली: भारत के इतिहास में पहली बार मेक इन इंडिया के तहत बनाई गई स्वदेशी आर्टिलरी गन ATAGS (एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम) प्रोटोटाइप से 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह में लाल किले से गोले दागे जाएंगे। डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकसित पूरी तरह से स्वदेशी इस तोप से 25 पाउंडर ब्रिटिश तोपों के साथ औपचारिक 21 तोपों की सलामी दी जाएगी।
DRDO-developed ATAGS to give 21 gun salute at Independence Day celebrations
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48 किमी भेदने में सक्षम
डीआरडीओ के आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) पुणे ने इसे तैयार किया है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार डीआरडीओ के महानिदेशक (आर एंडएम) संगम सिन्हा ने कहा आजादी के अमृत के अवसर पर यह तोप भारत के लिए एक महान उपहार है। यह दुनिया की सबसे लंबी दूरी की तोप है और 45 से 48 किमी तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।
2013 में शुरू
ATAGS परियोजना को 2013 में DRDO द्वारा भारतीय सेना में पुरानी तोपों को आधुनिक 155 मिमी आर्टिलरी गन से बदलने के लिए शुरू किया गया था। एआरडीई ने इस विशेष बंदूक के निर्माण के लिए दो निजी फर्मों भारत फोर्ज लिमिटेड और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के साथ भागीदारी की।
155 मिमी कैलिबर
एटीएजीएस एक 155 मिमी कैलिबर गन सिस्टम है जिसमें 48 किमी की फायरिंग रेंज और उच्च गतिशीलता, त्वरित तैनाती, सहायक पावर मोड, उन्नत संचार प्रणाली, स्वचालित कमांड और नियंत्रण प्रणाली जैसी उन्नत सुविधाएं हैं, जो सीधे-फायर मोड में रात की क्षमता के साथ हैं। एटीएजीएस एक विश्व स्तरीय प्रणाली है जो जोन 7 में बिमोड्यूलर चार्ज सिस्टम को फायर करती है। दुनिया में किसी अन्य गन में अभी तक यह क्षमता नहीं है।